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कन्या पूजन के बाद नवरात्र व्रत संपन्न: अंतिम दिन देवी मां सिद्धीरात्रि की होती है पूजा - कन्या पूजन भिवानी

शारदीय नवरात्रि की नवमी आज 14 अक्टूबर को मनाई जा रही है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहा जाता है. आज के दिन कन्या पूजन कर नौ दिन के बाद व्रतों को खोला जाता है.

Worship of Maa Siddhiratri
Worship of Maa Siddhiratri

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Published : Oct 14, 2021, 12:57 PM IST

भिवानी: छोटी काशी भिवानी में आज नवरात्रों के अंतिम दिन देवी मां सिद्धीरात्रि की पूजा (Worship of Maa Siddhiratri) की गई. इसके साथ ही नवरात्रों का समापन कंजकों को भोजन कराने के साथ किया गया. कहते हैं कि नौ दिनों तक दैवीय शक्ति मनुष्य लोक में भ्रमण के लिए आती हैं. इन दिनों देवी के उपासक व्रत रखकर देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं. अंतिम दिन नौ कन्याओं और एक लड़के को जिमाने के साथ ही व्रत का समापन (End of Navratras) होता है.

इसी के तहत आज देश भर में कन्याओं को भोजन कराने के साथ ही मां दुर्गा की पूजा संपन्न की गई. मिट्टी के नौ कलश देवी मां के नौ रूपों की पूजा का फल भी नवरात्रि के अंतिम दिन मिलने की बात पुराणों में कही गई है. भिवानी में आज नौ दिन उपवास रखने के बाद भगतों ने कन्या को जिमाकर (Kanya Pujan Bhiwani) व्रत का समापन किया. नौ कन्याओं की पूजा-अर्चना कर उन्हें हलवा, पूरी, छोले और नारियल का भोग लगाने के साथ व्रत का समापन किया.

कन्या पूजन के बाद नवरात्र व्रत संपन्न: नौ कन्याओं को भोजन करा किया जाता है समापन

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इस बारे में भिवानी की महिला सुनैना, सविता, कांता और समाजसेवी चरणदास ने बताया कि उन्होंने नौ दिन तक चली माता रानी की पूजा का समापन बेटियों को भोजन कराने के साथ किया है. मां देवी के रूप में कन्याओं की पूजा करके उन्होंने इन बेटियों को फल व दक्षिणा के साथ विदा किया है. पौराणिक मान्यता है कि बेटियों की पूजा के बाद ही माता के नौ रूपों की पूजा संपन्न होती है. इस प्रकार से ये पर्व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को भी आगे बढ़ाने में अपना महत्व रखता है.

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