भिवानी: भले ही धुंध की चादर सिमट गई हो, लेकिन पाले ने रबी की फसलों की कमर तोड़नी शुरू कर दी. खासकर शुक्रवार को सुबह गिरे पाले का सबसे ज्यादा असर सरसों पर (bhiwani frost crop damaged) होने वाला है. हालांकि पाले का नुकसान पीला सोना (सरसों) की फलियों व दानों पर पड़ेगा, लेकिन फिलहाल उक्त फसल पर पाले का असर दिख नहीं रहा. सरसों की फसल के पत्तों पर बर्फ के छोटे-छोटे कण दिखे, जो कि सूर्य उगने के करीब आधे घंटे तक पत्तों पर जमे रहे. बाद में पिघलकर जमीन पर गिरे.
वहीं गेहूं व जौ की फसल में कड़ाके की ठंड का फायदा होगा. सब्जियों की फसलें पाले से प्रभावित होंगी. दूसरी तरफ कड़ाके की ठंड से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा. किसानों का कहना है कि वैसे तो रबी की फसल ठंड के बैगर पनपती नहीं, लेकिन अगर ज्यादा ठंड हो जाए तो नुकसान होना भी लाजिमी है. इस वक्त सरसों की फसल में फलियां बन रही हैं. फलियों में दाना एक-दो प्रतिशत ही पूरा हुआ है, बाकी दाना आधा अधूरा है.
उस दाने में केवल पानी ही है जो कि दो तीन दिनों के प्रोसेस के बाद ही पूरा दाना बनेगा. पाले से फलियों में पनप रहे दाने का पानी जम गया. अगर वह पानी दोबारा नहीं पिघलता तो उस फली में उस दाने का सही स्वरूप नहीं बन पाएगा. दाना पूरा होने की बजाए फली के अंदर ही पिचक जाएगा. बाद में उस दाने में तेल की मात्रा न के बराबर होगी.