भिवानी: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर 10वीं व 12वीं कक्षाओं में सीधे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है. इस प्रक्रिया से फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर बोर्ड परीक्षाओं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों पर अंकुश लगेगा और बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी. यह निर्णय हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान शिक्षा सत्र 2023-24 से लिया है.
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जो विद्यार्थी 9वीं से 10वीं कक्षा में और 11वीं से 12वीं कक्षा में स्कूल बदलता है या शिक्षा बोर्ड बदलता है, उसे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में दाखिले से पूर्व संवैधानिक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि यह निर्णय अनुशासन को लागू करने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए किया गया है, ताकि फर्जी एसएलसी के माध्यम से सीधे बोर्ड की परीक्षाएं देने के इच्छुक विद्यार्थियों की पहचान की जा सके और फर्जीवाड़े को रोका जा सके.