भिवानी: मुर्रा नस्ल विकास योजना के तहत भिवानी में दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. बीरण गांव के पशु अस्पताल में 7 से 9 दिसंबर तक मुर्रा नस्ल की भैंस की दुग्ध प्रतियोगिता करवाई गई. इस प्रतियोगिता में 15 से ज्यादा पशुपालकों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में पशुपालक राजू की भैंस ने 22.54 लीटर दूध देकर पहला स्थान हासिल किया. इस भैंस की कीमत लग्जरी कार से भी ज्यादा है.
गांव बीरन के सरपंच जोगेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा की मुर्रा नस्ल की डिमांड विदेश तक है. मुर्रा भैंस की वजह से हरियाणा दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्यों में अपना स्थान रखता है. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े शहरों में जहां लोग लाखों रुपये गाड़ियों पर खर्च करते हैं, वहीं हरियाणा और भिवानी जिले के प्रगतिशील पशुपालक महंगी भैंस को पालकर उनके दूध से पैसा कमाते हैं.
उन्होंने कहा कि किसान बछड़े-बछड़ियों को भी उच्च कीमत पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं. जिससे पशुपालकों को खासा लाभ होता है तथा पशुपालन के क्षेत्र में प्रदेश का नाम भी ऊंचा होता है. दुग्ध प्रतियोगिता के बारे में डॉक्टर जगबीर ढांडा ने बताया कि तीन दिवसीय इस दुग्ध प्रतियोगिता में गांव बीरन के दर्जनों पशुपालकों ने हिस्सा लिया. जिसमें राजू की भैंस ने 22.54 लीटर दूध देकर प्रथम स्थान हासिल किया.