भिवानी: जिले में बुधवार को बारिश के बीच लघु सचिवालय पर एक अजीबो-गरीब प्रदर्शन देखने को मिला. यहां एक युवा अपने कुछ साथियों के साथ पहुंचा. इस दौरान युवा और उसके साथी मास्क हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन करते दिखाई (Protest Against face Mask In Bhiwani) दिए. लोकश नाम के इस सामाजिक कार्यकर्ता ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से जमकर बहस की. इस दौरान लोकेश ने पुलिसकर्मियों से कुछ सवाल भी पूछे जिनके जवाब पुलिस वाले नहीं दे पाए.
लोकेश नाम के इस सामाजिक कार्यकर्ता पुलिस से बहस के दौरान कई रैलियों और अखबारों की कटिंग दिखाते हुए पुलिस से सवाल किया कि आखिर इनके चालान कौन काटेगा. प्रदर्शनकारी युवा ने हर पार्टी के नेताओ का उदाहरण दिया जो रैलियां कर रहे है. पुलिस से बहस के दौरान लोकेश ने मेघालय हाईकोर्ट की टिप्पणी का भी जिक्र किया. इसमें हाईकोर्ट ने कहा है कि वैक्सिन को मेंडेटरी नही किया जा सकता. जबकि प्रदेश के स्कूलों और कॉलेज हर जगह वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाकर ही एंट्री दी जा रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश ने कहा कि हमें अपनी सेहत से संबंधित निर्णय लेने का पूरा अधिकार है. कोई भी दवाई या मास्क जनता पर थोपा नहीं जाना चाहिए. लोकेश ने मास्क का विरोध करते हुए कहा कि पिछले लॉकडाउन में जनता आर्थिक रूप से टूट चुकी है. इसके बाद एक मजदूरी करने वाला व्यक्ति इस तरह के तानाशाही नियमों की मार नही झेल पाएगा. लोकेश ने अपने साथ लेकर आए सैंकड़ो मास्क वहां जलाकर कहा कि हम गांधीवादी विरोध में विश्वास करते है. इसलिए हम विरोधस्वरूप मास्क को जलाकर इस तानाशाह नियम का विरोध करते है. शिक्षण संस्थान बंद होने से विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है. इन्हें खोला जाना चाहिए और मास्क व वैक्सिन की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए.
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