भिवानी: लंपी स्किन वायरस की चपेट में लगातार पशु आ रहे हैं जिससे किसानों की चिंताएं (lumpy skin disease in bhiwani) बढ़ गई हैं. बीमारी के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग भी अलर्ट मोड़ में आ गया है. बीमारी को काबू करने के लिए पशु चिकित्सकों की बैठकें आयोजित कर उन्हे दिशा-निर्देश दिए जा रहे है. पशु चिकित्सकों ने किसानों को बीमारी से बचाव के बारे में बताया गया. उपनिदेशक डॉ. सुखदेव राठी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद कहा कि बीमारी को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से पशु चिकित्सकों व वीएलडीए की एक महीने तक छुट्टियां रद्द कर दी है.
लंपी स्किन डिजीज के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सकों व वीएलडीए की 1 महीने तक छुट्टियां रद्द - लंपी स्किन को लेकर जागरूकता
हरियाणा में लंपी स्किन डिजीज फैलती जा रही है. जिससे पशुओं को बचाने के लिए पशुपालन विभाग पशु पालकों को जागरूक कर रहा है. भिवानी में भी पशु पालकों को बीमारी के बारे में बताया गया और बीमारी के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सकों व वीएलडीए की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
![लंपी स्किन डिजीज के खतरे को देखते हुए पशु चिकित्सकों व वीएलडीए की 1 महीने तक छुट्टियां रद्द lumpy skin disease in bhiwani](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16101254-1101-16101254-1660488741580.jpg)
डॉ. सुखदेव राठी ने कहा कि जिले में लंपी स्किन बीमारी को कोई ज्यादा खतरा नही है (Veterinarians holidays canceled in bhiwani) और 20 पशुओं में ही वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं. उन्होंने पशु चिकित्सकों व वीएलडीए को निर्देश दिए हैं कि गांव में जाकर पशुओं को देखें. पशु अस्पताल में दवाईयों की कमी नही है और अगर किसी को दवाई न मिले तो उन्हें मंगवा कर दवाई उपलब्ध करवा दी जाएगी. बीमारी की चपेट में आए पशुओं को झोलीछाप डॉक्टरों को न दिखाने की भी सलाह दी गई है.
उपनिदेशक ने कहा कि पशु चिकित्सकों को इस बीमारी बारे लोगों को जागृत करने (Lumpy skin disease in Haryana) के आदेश दिए गए है. पशुपालक मक्खी, मच्छरों से अपने पशुओं को बचाएं और रात को उनके पास धूंआ करें. पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी न ले जाने की सलाह भी दी गई है. प्रतिदिन बीमारी से संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही है. उन्होंने पशु पालको से अपील की है कि अगर किसी पशु में बीमारी के लक्ष्ण दिखाई दे तो उस पशु को अन्य पशुओं से तुरंत अलग कर दे व नजदीकी पशु अस्पताल में इसकी सूचना दे.