भिवानी: भिवानी में एक बार फिर टिड्डी दल को देखा गया है. टिड्डियां सुरपुरा कलां और सुरपुरा खुर्द गांव के खेतों में किसानों को दिखाई दी हैं. जैसे ही किसानों ने टिड्डी दल को देखा, तो थाली बजाकर उन्हें भगाया. साथ ही खुद के खर्चे पर कीटनाशक दवा का छिड़काव किया.
टिड्डयों को भगाने के लिए गांव के बड़े-बूढ़े, महिलाएं और बच्चे भी पुरूषों के साथ मिलकर दिन भर खेतों में जुटे रहे. ग्रामीणों ने बताया कि टिड्डी दल थोड़ी संख्या में है और एक जगह से भगाने के बाद दूसरी जगह जाकर बैठ जाता है. वहीं ग्रामीणों ने आशंका जताई कि अगर टिड्डियों की संख्या और बढ़ी तो फसल चौपट हो जाएगी.
इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन पर भी कोई मदद नहीं करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों की मानें तो प्रशासन और विभाग की तरफ से कोई भी सहायता, कीटनाशक उनको नहीं मिला है और अधिकारियों ने भी क्षेत्र का दौरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर टिड्डियों की संख्या में रातों-रात इजाफा होता है तो कपास, बाजरे और मूंग की फसलों को टिड्डी दल बर्बाद कर देगा.
जब इस बारे में तकनीकी प्रबंधक डॉ. मदन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक किया गया है और थोड़ी मात्रा में टिड्डियों को मैनुअल नियंत्रित किया जा सकता है. ऐसे में विभाग कीटनाशक नहीं दे सकता है. कीटनाशक का स्प्रे काफी मात्रा में टिड्डियों के आने पर ही विभाग देता है.
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इससे पहले 26 जून को देर शाम टिड्डी दल ने महेंद्रगढ़ से होते हुए रेवाड़ी में प्रवेश किया था. तब टिड्डी दल राजस्थान की ओर से आया था. टिड्डियों ने इस दौरान झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद के कई गांव में आतंक मचाया था. तब टिड्डी किसानों की हजारों एकड़ में फैली फसल को कुछ ही घंटों में चट कर गई थी.
क्यों खतरा है टिड्डी दल?
- भारत में टिड्डियों की चार प्रजातियां पाई जाती हैं.
- डेसर्ट लोकस्ट, माइग्रेटरी लोकस्ट, बॉमबे लोकस्ट, ट्री लोकस्ट.
- टिड्डी झुंड में रहती हैं, वो एक साथ उड़ती हैं.
- टिड्डी दल एक साथ फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं.
- टिड्डी एक बहुभक्षी कीट है.
- नीम को छोड़कर सभी वनस्पतियों को अपना भोजन बनाता हैं.
- टिड्डी दल दिन के समय उड़ता है और रात को आराम करने के लिए फसलों पर बैठता है. जहां वो फसलों को अपना शिकार बनाता है.