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एचटेट अभ्यर्थियों को दिया गया बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का अंतिम अवसर, जानें पूरी प्रक्रिया

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने हरियाणा (Haryana Board of School Education) अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 के अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आईआरआईएस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण करने का तीसरा और अंतिम अवसर दिया है.

Haryana Board of School Education
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Published : Mar 17, 2022, 5:59 PM IST

भिवानी: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने हरियाणा (Haryana Board of School Education) अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 के अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आईआरआईएस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण करने का तीसरा और अंतिम अवसर दिया है. अनुपस्थित रहे अभ्यर्थी 22 और 24 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक बोर्ड मुख्यालय में उपस्थित होकर अपनी आईआरआईएस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं.

ये जानकारी देते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर जगबीर सिंह एवं सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 का संचालन 18 और 19 दिसंबर को करवाया गया था. परीक्षा का परिणाम 28 जनवरी को घोषित किया जा चुका है. परीक्षा का परिणाम घोषित होने से पूर्व अभ्यर्थियों को 20 जनवरी से 23 जनवरी एवं तीन-चार फरवरी तक आईआरआईएस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण करने का अवसर प्रदान किया गया था.

जिन अभ्यर्थियों ने निर्धारित तिथियों में अपनी आईआरआईएस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण नहीं की थी, जिस कारण ऐसे अभ्यर्थियों का परिणाम पेंडिंग है. ऐसे अभ्यर्थी 22 और 24 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बोर्ड मुख्यालय के अध्यापक भवन में उपस्थित होकर अपनी वैरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं. वैरिफिकेशन के लिए अभ्यर्थी द्वारा अपना मूल पहचान पत्र एवं मूल प्रवेश पत्र लेकर आना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि जिन परिक्षार्थियों की वैरिफिकेशन होनी है, उनकी सूची बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध है.

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क्या होता है बायोमेट्रिक वेरिफिकेश?जब भी कोई अभ्यार्थी परीक्षा देने जाता है तो रोल नंबर देते वक्त उसका बायोमेट्रिक वैरिफिकेशन किया जाता है. इसके बाद जब अभ्यार्थी परीक्षा देने आता है तो फिर से उसका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाता है. इसके बाद अभ्यार्थी को सर्टिफिकेट देने से पहले ये वैरिफिकेशन किया जाता है. ताकि कोई भी अभ्यार्थी फर्जीवाड़ा ना कर सके. कोई अभ्यार्थी किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा ना दे सके. अगर ऐसा होगा तो बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन में इसका पता चल जाएगा.

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