भिवानी: प्रदेश में शिक्षा को लेकर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अहम फैसला लिया है. इस फैसले के तहत छात्रों को शिक्षा बोर्ड ने बड़ी राहत देते हुए 30 फीसदी सिलेबस कम करने का फैसला लिया है, इससे छात्र और अध्यापकों पर पढ़ाई के दबाव को कम किया जा सकें.
30 फीसदी सिलेबस होगा कम!
कोरोना के कारण पिछले पांच महीनों से स्कूल बंद है. ऐसे में सभी स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ा. स्कूल बंद होने के चलते उनकी पढाई काफी पीछे छूट गई है. छात्रों और अध्यापकों पर कम समय में सिलेबस पूरा करने का दबाव था. इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा बोर्ड ने 30 फीसदी सिलेबस को कम करने का फैसला लिया है. शिक्षा बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि इस साल सिर्फ 70 फीसदी ही छात्रों को पढा़ई करनी होगी. इससे सही समय पर छात्र पूरी पढ़ाई कर सकेंगे और दबाव भी कम होगा.
हरियाणा बोर्ड ने छात्रों को दी बड़ी राहत, 30 फीसदी सिलेबस होगा कम! छात्र बिना दबाव के कर पाएंगे सिलेबस पूरा
शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि इस फैसले के बाद बच्चों और अध्यापकों पर परीक्षा को लेकर अनावश्यक दबाव कम होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुआ है. ऐसे में इसका असर स्कूलों, बच्चों और अध्यापकों के साथ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पर भी पड़ा है. स्कूल बंद होने के बाद देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन पढाई शुरू करवाई गई, पर इसके बाद भी स्कूल जैसी शिक्षा दे पाना संभव नहीं हो पाया. इसी की चलते शिक्षा बोर्ड ने कोरोना को मात देने के लिए सरकार के सुझाव के बाद शिक्षा सदन को 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों का सिलेबस कम करने का मत दिया है.
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शिक्षा बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि सरकार के सुझाव पर शिक्षा सदन की तरफ से बोर्ड के पास 9वीं से 12वीं कक्षा के सिलेबस को लेकर राय ली गई थी. उन्होंने बताया कि जब पढ़ाई पूरी तरह से नहीं हो रही तो ऐसे में सिलेबस कम किया जाना चाहिए. बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि इसको लेकर एससीईआरटी के एक्सपर्ट, स्कूलों व कॉलेज के प्रिंसिपल्स व लेक्चर्रस के साथ मंथन कर शिक्षा बोर्ड ने बैठक की.
शिक्षा सदन करेगा अंतिम फैसला
इस बैठक में ये फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि 30 फीसदी सिलेबस कम करने का अब अंतिम फैसला शिक्षा सदन को लेना है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द शिक्षा सदन की इस फैसले पर मुहर लगेगी और बच्चे बिना किसी दबाव के 70 फीसदी सिलेबस को आसानी से कवर कर लेंगें.