भिवानी: भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरा किसानों (government gift to millet farmers) के खातों में 450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किए जाएंगे. इससे प्रदेश के बाजरा बोने वाले किसानों को सीधा लाभ होगा. इसके लिए मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है. जल्द ही बाजारा किसानों के खातों में पैसे आने शुरू हो जाएंगे. इसके लिए किसानों को ऑनलाइन अप्लाई या फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है.
क्योंकि विभाग के पास बाजरा बोने वाले सभी किसानों (millet farmers in haryana) के रिकॉर्ड, गिरदावरी व खातें उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से 450 रुपये भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों के खातों में डाले जाएंगे. ये जानकारी हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने दी. इस मौके पर जेपी दलाल ने अपने निवास स्थान पर खुला दरबार लगाकर आमजन की समस्याएं भी सुनी. अब बाजरे की खऱीद एमएसपी पर होने या ना होने से किसान परेशान नहीं होंगे.
अब तक जो भी बाजरे की खरीद हुई है, वो ऐवरेज रूप से 1950 रुपये के भाव पर हुई है, जबकि बाजरे की एमएसपी 2350 रुपए प्रति क्विंटल है. ऐसे में खुले बाजार में किसानों को बाजरे का भाव एमएसपी से औसतन 400 रुपये कम मिला है, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने घोषणा की है कि हर किसान को प्रति क्विंटल 450 रुपये भावांतर योजना के तहत खाते में डाले जाएंगे, चाहे किसान बाजरा बेचे या ना बेचे.
सरकार ने ये भरोसा दिया कि भावांतर योजना का पैसा पाने के लिए किसान को कोई कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी. सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए भिवानी के किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि बाजरे की फसल के 450 रुपये भावांतर भरपाई योजना के तहत देने का निर्णय लिया है, उससे किसानों को सीधा लाभ होगा, क्योंकि बाजरे की बुआई, कटाई व तैयार के समय जो खर्च आया था, अब वो भावांतर भरपाई योजना के तहत 450 रुपये प्रति क्विंटल मिलने से पूरा हो जाएगा तथा इससे किसानों की आय बढ़ेगी.