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Haryana Electric Scooty Scheme: हरियाणा में श्रमिकों की बेटियों को 'मनोहर' सौगात, इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए दे रही 50 हजार रुपये की राशि, जानें कैसे मिलेगा योजना का लाभ - हरियाणा सीएम मनोहर लाल

Haryana Electric Scooty Scheme: हरियाणा सरकार ने प्रदेश श्रमिकों की बेटियों के लिए खास योजना शुरू की है. सरकार की ओर से श्रमिकों की बेटियों की उच्च शिक्षा और इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने के लिए 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है. खबर में विस्तार से जानें कैसे आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

Haryana Electric Scooty Scheme
श्रमिकों की बेटियों के लिए हरियाणा सरकार की योजना शुरू

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 23, 2023, 5:29 PM IST

भिवानी:हरियाणा सरकार द्वारा श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की जा रही है. इसी कड़ी में श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण मजदूर की बेटी की उच्चतर शिक्षा के दौरान इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 50 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. ताकि वह कॉलेज में आसानी से जा सके. अधिक जानकारी के लिए hrylabour.gov.in पोर्टल पर या श्रम विभाग के स्थानीय कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं.

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डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिससे श्रमिकों के बेटी के लिए उच्च शिक्षा और फ्री में स्कूटी दिलाने की योजना विशेषतौर पर पर शुरू की गई है. इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक की बेटी को विभाग द्वारा स्कूटी की खरीद पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि या वास्तविक एक्स-शोरूम कीमत प्रदान की जाती है. नरेश नरवाल ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए घोषणा पत्र को पूरी तरीके से भरकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा पंजीकृत श्रमिक के बेटी कॉलेज में नियमित रूप से उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर रही है. इस संदर्भ में कॉलेज और उच्च शिक्षा संस्थान के मुखिया द्वारा जारी किया गया प्रमाण-पत्र अपलोड करना अनिवार्य है. इस योजना का लाभ केवल उन्हीं बेटियों को मिलेगा जो हरियाणा की मूल निवासी हो और राज्य के ही किसी शिक्षण संस्थान में पढ़ाई कर रही है. इसके अलावा, श्रमिक की बेटी की उम्र 18 साल होनी चाहिए और वो शादीशुदा नहीं होनी चाहिए. श्रमिक की बेटी के पास दो पहिया वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होना चाहिए. श्रमिक के परिवार के किसी भी सदस्य के पास पहले से ईंधन वाहन या इलेक्ट्रिक वाहन नहीं होना चाहिए.

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