हरियाणा में आशा वर्कर्स की हड़ताल का 71वां दिन भिवानी:हरियाणा के अलग-अलग जिलों में आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदेश भर की आशा वर्कर पिछले 71 दिनों से लगातार धरने पर बैठी हैं. भिवानी में आशा कर्मचारियों ने सरकार पर मांगों की अनदेखी करने व इस मुद्दे पर बातचीत न करने के आरोप लगाए हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को भिवानी लघु सचिवालय के सामने आशा वर्कर एकत्रित हुई. इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर आगामी रणनीति तैयार की.
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आशा वर्करों ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर आनाकानी कर रही है, लेकिन आशा कर्मचारी चुप बैठने वाली नहीं है. उन्होंने बताया कि पंचकूला में डेलिगेशन से सरकार ने आशा कर्मचारियों से एक सप्ताह का समय मांगा था. लेकिन सप्ताह बीत जाने के बावजूद बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है. केवल आशाओं की मांगों को सरकार अनसुना कर रही है.
आशा वर्कर ने आगामी रणनीति तैयार करते हुए बताया कि 18 अक्टूबर यानी कल कृषि मंत्री जेपी दलाल के आवास के सामने 24 घंटे का धरना देंगी. इसके अलावा, 30 अक्टूबर को प्रदेशभर की आशा वर्कर्स दिल्ली के लिए कूच करेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार समय रहते उनसे बातचीत करे और मांगों पूरा करे.
जानकारी दे दें कि राज्य की करीब 20 हजार आशा वर्कर बीते दो महीनों से धरने पर बैठी हैं. आशा वर्कर्स की मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए. इंसेंटिव में 50 फीसदी कटौली को बहाल किया जाए. इसके अलावा, ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा मिले. सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल की जाए और रिटायरमेंट पर सम्मानजनक पेंशन व ग्रेच्युटी मिले.
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