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भिवानी का मुगल गार्डन बना हलवासिया विद्या विहार स्कूल, जानें इसकी खासियत

हलवासिया विद्या विहार स्कूल (Halvasia Vidya Vihar School) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. स्थानीय लोग इसे भिवानी का मुगल गर्डन कहने लगे हैं.

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Published : Mar 11, 2022, 3:56 PM IST

Mughal Garden of Bhiwani
Mughal Garden of Bhiwani

भिवानी: हलवासिया विद्या विहार स्कूल (Halvasia Vidya Vihar School) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बच्चों को प्रकृति से जोड़ने के उद्देश्य से स्कूल में बड़े स्तर पर फूल और औषधि के पौधे लगाए गए हैं. स्कूल प्रांगण में 20 प्रकार के फूलों की किस्म के तकरीबन 15 हजार पौधें लगाए गए हैं. जिसमें गेंदा, मैरीगोल्ड, गुलदावरी, जैस्मिन, गुलाब, मोगरा, चांदनी, गुढ़ैल के पौधे स्कूल में पहुंचने वालों को आकर्षित करते हैं.

स्थानीय लोग इसे भिवानी का मुगल गार्डन (Mughal Garden of Bhiwani) बुलाने लग गए हैं. स्कूल के प्रशासक दीवानचंद रहेजा और प्राचार्य विमलेश आर्य ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे. तब ऑक्सीजन की कमी के हालात पैदा हुए. जिसेक बाद स्कूल प्रशासन ने फैसला किया कि स्कूल में बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाए, उसी का नतीजा है कि आज हलवासिया विद्या विहार स्कूल शुद्ध ऑक्सीजन का स्त्रोत बन गया है.

भिवानी का मुगल गार्डन बना हलवासिया विद्या विहार स्कूल, जानें इसकी खासियत

विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी उनके इस काम को देखते हुए आगे आई हैं. इनमें राह ग्रुप व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्कूल में पौधारोपण में खासी मदद की है, इसी का नतीजा है कि सर्दियों की समाप्ति के साथ ही स्कूल (Halvasia Vidya Vihar School) प्रांगण की विभिन्न क्यारियों में बड़े स्तर पर फलावरी नजर आती हैं. यहां तितलियां व भंवरे मंडराते हुए नजर आते हैं. जो स्कूल प्रांगण की शोभा बढ़ा रहे हैं.

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स्कूल प्रशासक दीवानचंद रहेजा व प्राचार्य विमलेश आर्य ने बताया कि बच्चों के विकास के लिए तथा कोरोना काल के दौरान उपजे तनाव को दूर करने के लिए पौधारोपण की मुहिम शुरू की गई थी, उसी का नतीजा है कि आज 15 हजार के करीब फूलों के पौधें स्कूल में लगे हैं. जिससे बच्चों को प्रकृति से जुड़ने का मौका मिला है. बच्चों में भी पौधारोपण को जानने की इच्छा बढ़ी हैं. फूलों के अलावा अश्वगंधा, इंद्रजौ, त्रिफला, शंखपुष्पी जैसे औषधीय पौधें भी स्कूल प्रांगण में लगाए गए हैं, ताकि बच्चों को परंपरागत आर्युवेद व घरेलू उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.

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