भिवानी: देश कौम की खातिर नौ वर्ष की आयु में अपने पिता को कुर्बान करने वाले सिक्खों के 10वें गुरू गुरू गोबिन्द सिंह जी का 354वां प्रकाश उत्सव भिवानी के गुरूद्वारा में बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर गुरूद्वारा सिंह सभा में लंगर को संगतों के द्वारा बनाया गया.
भिवानी में गुरबाणी कीर्तन करने के लिए पंजाब के रामामंडी से रागी जत्था बुलाया गया था. रागी जत्थे ने गुरबाणी के माध्यम से दसवें पातशाह श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के जीवन और उनके परिवार के बारे में विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरू गोबिन्द सिंह ने धर्म की खातिर पहले अपने पिता श्री गुरू तेग बहादुर जी को बलिदान दिया तो उसके बाद अपने चारो पुत्रों को धर्म के लिए शहीद करवा दिया लेकिन धर्म पर कोई आंच नहीं आने दी.