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आवारा पशुओं से परेशान भिवानी के किसान, पकी हुई फसल को कर रहे हैं खराब - भिवानी में आवारा पशु

भिवानी में किसान आवारा पशुओं के चलते परेशान हैं. आवारा पशु खेत में घुसकर किसानों की पकी हुई फसल को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि गांव में ही 500 के करीब आवारा पशु हैं, जो परेशानी का सबब बने हुए हैं.

farmers troubled by stray animals in bhiwani
farmers troubled by stray animals in bhiwani

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Published : Mar 1, 2020, 12:54 PM IST

भिवानी: जिले के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं. इस परेशानी का कारण आवारा पशु हैं. इन आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. आवारा पशु इनकी फसल को बर्बाद न कर दे उसके लिए किसानों को रात भर जागना पड़ रहा है.

आवारा पशुओं की मार झेल रहे हैं किसान

दरअसल इन दिनों सर्दी खत्म होने को है और किसानों की गेहूं और सरसों की फसल पकने को तैयार है. लेकिन किसानों की मेहनत पर अब आवारा पशु अपना कहर बरपा रहे हैं. गायों का झुंड रात के समय खेत में घुस जाता है और फसल को चरने लगती है.

आवारा पशुओं से परेशान भिवानी के किसान, देखें वीडियो

रातभर जागकर करनी पड़ रही है फसलों की निगरानी

किसानों का कहना है कि कड़ाके की ठंड में रात के समय भी उन्हें जागना पड़ता है और सरकार की लापरवाही के चलते दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है. जब किसान रात को इन आवारा पशुओं को हटाने जाते हैं तो आवारा पशु इन किसानों पर हमला भी कर देते हैं.

आवारा पशुओं की संख्या बढ़ी

किसानों ने बताया कि यहां गायों की संख्या घटने की बजाय बढ़ी है. इस गांव में ही करीब 500 गाय हैं, जो उनकी फसल को बर्बाद कर रही है.

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प्रशासन से की समस्या को सुलझाने की मांग

किसान परमानंद का कहना है कि अब फसल पकी हुई है. रात के समय पशुओं से बचाव के लिए पहरा देना पड़ता है. उनका कहना है कि रात को सर्दी होने के बावजूद वे पहरा दे रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से मांग की है वे जल्द इस मामले में कुछ करें और आवारा पशुओं को पकड़ के नंदीशाला में रखें.

प्रशासन ने कहा 'चारे की व्यवस्था करे किसान'

अतिरिक्त उपायुक्त मनोज कुमार से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा है नंदीशाला शहर में नगरपालिका के माध्यम से बनाई गई है. उन्हें चलाया भी जा रहा है. गांव में अगर पंचायत चाहे तो संस्था के माध्यम से नंदीशाला बनवा सकती है और सरकार उसमें शेड बनवा देगी, लेकिन उन नंदीशाला में चारे की व्यवस्था खुद किसानों को ही करनी पड़ेगी.

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