भिवानी:पंजाब से हरियाणा के रास्ते दिल्ली पड़ाव पर जाने वाले किसान आखिर भिवानी से गुजरने वाले दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग से धरना उठाने पर राजी हो गए हैं. मृतक किसान के शव को घटनास्थल से उठा लिया गया है व पोस्टमार्टम के लिए उसे अस्पताल भेज दिया गया है.
किसानों की मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन देकर पुलिस प्रशासन ने किसानों को धरने से हटाय़ा. शव हटाने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग को भी खाली करवाए जाने की कवायद शुरू की गई है. जाम में फंसे आंदोलनकारी किसानों को ट्रैक्टर समेत भिवानी की सीमा से रवाना कर दिया गया है. करीब आठ घंटे तक चली मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली.
आठ घंटे बाद पंजाब के किसानों ने एनएच-9 से हटाया जाम बता दें कि, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान पंजाब के मानसा जिले के जलील ब्लॉक से बड़ी तादाद में ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ हिसार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहे थे. भिवानी पुलिस द्वारा गांव मुंढाल के पास बैरिकेटिंग की गई थी और वहीं किसानों को रोका गया था.
इस दौरान ट्रैक्टर-ट्राली पर सवार किसानों में से एक किसान की पीछे से आ रहे ट्रॉले की टक्कर लगने से मौत हो गई. सुबह करीब चार बजे मानसा जिला के 40 वर्षीय तना सिंह नामक किसान की मौत हुई थी. उसके बाद पंजाब से आए किसानों ने सड़क के बीच पर ही पड़ाव डाल दिया व शव को भी नहीं हटाने दिया. घंटों तक चली मान मनौवल के बाद किसान शव हटाने को राजी हुए. किसानों ने मृतक परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, किसान का कर्जा माफ किए जाने जैसी मांगें उठाई. जिन्हें भिवानी प्रशासन ने उचित माध्यम द्वारा सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया, तभी धरने पर बैठे किसान शव उठाने को राजी हुए.
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भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने बताया कि किसानों की मांगों को उचित माध्यम द्वारा सरकार तक भेज दिया जाएगा. तो वहीं पंजाब से आए किसान नेताओं का कहना है की उनकी मांगे ऊपर पहुंचाने का भरोसा दिया गया है. उन्होंने कहा की उन्हें उम्मीद है कि उनकी मांगें सरकार मानेगी.