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'अच्छे उत्पादन के लिए फसल की जरूरतों के अनुसार उपाय करें किसान, जल गुणवत्ता का भी रखें ध्यान' - farmers awareness camp organise at bhiwani

भिवानी जिला के अधिकांश भागों में भूमिगत जल की गुणवत्ता खराब है, विशेषकर कैरू ब्लॉक में पानी बहुत नमकीन है तथा वर्षा भी कम होती है. ऐसे क्षेत्रों में फसलों की अच्छी पैदावार लेना एक चुनौतीपूर्ण काम है.

किसान जागरुकता शिविर का आयोजन.

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Published : Jul 17, 2019, 2:54 AM IST

भिवानी: भूमिगत पानी खराब होने के कारण किसान मुख्यत: बारिश पर निर्भर हैं. क्योंकि सिंचाई के साधन बहुत सीमित है. इस लिए किसानों को भूमि में नमी बनाए रखने के अहम कदम उठाने होंगे. चौ. चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक और कीट विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरके सैनी ने किसानों को जल गुणवत्ता से जुड़ी कई अहम बातें बताई.


किसान जागरुकता शिविर में डॉ. सैनी ने कहा कि ग्वरा जैसी कम पानी में पकने वाली फसल के लिए बिजाई पूर्व तीन कदम उठाना बहुत जरूरी है. पहला खेत की गहरी जुताई करें, ताकि वर्षा का अधिकत्त पानी खेत में ही समा सकें. ऐसा करने से भूमि में विद्यमान नमक भी घुलकर नीचे चला जाएगा, जिससे फसल की बढ़वार अच्छी होगी.


दूसरा उखेड़ा रोग की रोकथाम के लिए प्रति किलो बीज 3 ग्राम बाविस्टिन से सूखा उपचारित करें. तीसरा बिजाई के लिए अहम जरूरत जड़ों में हवा का संचार है. इसके लिए किसान खरपतवारनाशी दवाओं के प्रयोग की बजाए दो बार निराई-गुड़ाई करें, ताकि जड़ों को हवा भी मिल सकें और भूमि में नमी भी लंबे समय तक बनी रह सके.

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