भिवानी: एक तरफ जहां खेती को घाटे का सौदा माना जा रहा है. वहीं इसी बीच हरियाणा के किसान दलहन की फसलें उगाकर ना केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि पानी की बचत भी हो रही है. उत्तरी हरियाणा में तो काफी पहले से किसान दलहन की ओर रुख कर चुके थे वहीं अब दक्षिण हरियाणा की भी ये मुख्य फसल बनती जा रही है. 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत कृषि विभाग की पहल पर अबकी बार दक्षिणी हरियाणा में दलहन फसलों की बिजाई तीन गुणा तक की गई है.
भिवानी जिले की बात करें तो यहां कुल 78 हजार हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की गई है जिसमें मूंग जैसी दलहन फसलों की बिजाई 10 हजार से बढ़कर 30 हजार हेक्टेयर हो गई है. जिला कृषि अधिकारी डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि इस बार किसानों ने जागरुकता दिखाते हुए दलहन की फसलें उगाई हैं. इससे पानी की बचत के साथ किसानों की अच्छी कमाई भी हुई है.
क्या है 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना?
बता दें कि, मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत जो किसान अपने खेतों में धान नहीं बोएंगे उनके खातों में प्रति एकड़ सात हजार रुपये और बाजरा न बोने वाले किसानों के खातों में चार हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा डाले जाएंगे. इसके अलावा अगर कोई किसान खेत को खाली भी रखेगा तो उसे भी सात हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे.
एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा