भिवानी: निर्माण नजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर भिवानी में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान मजदूरों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए. मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर भिवानी उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा. उपायुक्त ने मजदूरों को उनकी मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया.
क्या है मजदूरों की मांगे ?
निर्माण मजदूरों ने डेढ़ साल से बकाया सुविधाएं जारी करने, बकाया पंजीकृत पासबुक जारी करने, पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए मजदूरों को तसदीक के लिए रजिस्ट्रड यूनियनों को अथॉरिटी देने, नए पंजीकरण में तेजी लाने, पंजीकरण में तेजी लाने, बेमानी शर्तों पर रोक, ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन शुरू करने और सभी गांवों में मनरेगा लागू करने आदी मांगों को लेकर मजदूरों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
मजदूरों ने भिवानी में सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन इस मामले में बताते हुए यूनियन राज्य कोषाध्यक्ष रामेमेहर सिंह ने कहा कि लंबे संघर्षों के बाद 2006 में हरियाणा में कानून बनवाने में सफलता हासिल की. इसके बाद भी लंबे संघर्षों के दबाव में ही सरकारों ने सुविधाओं में बढ़ोतरीयां की है. रामेमेहर सिंह ने बताया कि भाजपा सरकार ने श्रण कल्याण बोर्ड का एक छोटा सा हिस्सा ही निर्माण मजदूर कारीगरों पर खर्च किया गया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रदेश की सरकार ने पिछते पांच सालों में सुविधाओं में कटौतीयां और निर्माण मजदूर कारीगरों पर बोर्ड के पैसा न खर्च करके अपने चहेते लोगों को फायदा पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल से जारी ऑनलाईन के नाम पर निर्माण मजदूरों का भारी उत्पीड़न किया जा रहा है.
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4 फरवरी के बाद मजदूर कर सकते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल
वहीं जिला सचिव अनिल कुमार ने कहा कि आज महंगाई और बेरोजगारी तेज गति से बढ़ रही है. निर्माण मजदूर कारीगरों के काम धन्धें ठप्प हैं. जिसके कारण निर्माण मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. उन्होंने भाजपा जजपा सरकार को चेताते हुए कहा की मजदूर कारीगरों में सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है. अगर सरकार और जिला प्रशासन निर्माण मजदूरों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान नही करती हैं तो यूनियन 4 फरवरी के बाद अनिश्चितकालीन आन्दोलन करने के लिए मजबूर होगी.