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किसानों के खेतों में बिना मुआवजा टावर लगा रही कंपनी, अब किसानों ने लिया ये फैसला

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Published : Apr 5, 2021, 6:43 AM IST

भिवानी में एक बार फिर किसान व कंपनी के बीच टकराव बढ़ने लगा है. ये टकराव 10 साल पहले शुरू हुआ था, जो अब तीसरी बार फिर संघर्ष में बदल गया है. साल 2011 में निमड़ीवाली गांव में निजी कंपनी का पावर ग्रिड बना था. यहां से अब तीसरी बार बड़ी लाइन निकाली जा रही है, जिसके बड़े-बड़े टावर लगाए जाने हैं.

bhiwani farmers fields towers
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भिवानी: जिले में पावर ग्रिड के टावरों को लेकर कंपनी व किसानों में बढ़े टकराव को लेकर रविवार को किसान पंचायत हुई. जिसमें जिले भर के साथ टिकरी बॉर्डर से भी किसान पहुंचे और फैसला लिया गया कि किसानों के साथ हो रहा अन्याय खत्म नहीं हुआ तो कंपनी, प्रशासन व सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा.

भिवानी में एक बार फिर किसान व कंपनी के बीच टकराव बढ़ने लगा है. ये टकराव 10 साल पहले शुरू हुआ था, जो अब तीसरी बार फिर संघर्ष में बदल गया है. बता दें कि, साल 2011 में निमड़ीवाली गांव में निजी कंपनी का पॉवर ग्रिड बना था. यहां से अब तीसरी बार बड़ी लाइन निकाली जा रही है, जिसके बड़े-बड़े टॉवर लगाए जाने हैं.

किसानों का आरोप है कि एक टॉवर आधा एकड़ से ज्यादा जमीन में लगता है और उसके बाद पूरे खेत में खेती नहीं हो पाती. हैरानी की बात है कि किसानों को इन टॉवरों का एक पैसा मुआवजा नहीं दिया जा रहा. बिना मुआवजा टॉवर लगाने पर किसान व कंपनी आमने-सामने हैं.

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आरोप है कि कुछ रोज पहले कंपनी कर्मचारी टॉवर लगाने पहुंचे तो यहां भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान राकेश आर्य ने अपने खेत में टॉवर लगाने से रोका तो कंपनी कर्मियों ने भारी पुलिसबल बुलाकर उसे व उसकी भाभी के साथ मारपीट की. जिसके विरोध में निमड़ीवाली गांव में किसान पंचायत हुई, जिसमें आस पड़ोस के गांव के वो किसान जिनके खेतों में ये टॉवर लगने हैं और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता भी पहुंचे.

किसान पंचायत में फैसला लिया गया है बिना मुआवजे के टॉवर लगाने से रोकने पर राकेश आर्य व उसकी भाभी से मारपीट करने वाले व करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो. किसानों को प्रति टॉवर 15 लाख रुपये मुआवजा मिले.

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