भिवानी: 7 सितंबर को देर रात 1 बजकर 55 मिनट पर जब चंद्रयान का लेंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा उसी के साथ भारत एक नया इतिहास रच देगा. भारत का यह दूसरा चंद्र मिशन है जो चांद के उस दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर प्रकाश डालेगा जहां अभी तक किसी भी देश की नजर नहीं गई है.
चंद्रयान-2 मिशन को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह का माहौल, कहा-"देश के लिए गर्व की बात" इसी के बारे में हमें भिवानी चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के खगोल शास्त्री और जियोग्राफी के अस्सिटेंड प्रो. डॉ. उत्पल कुमार ने और जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गुरूत्वाकर्षण नियमों पर आधारित इसरो का चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर बहुत महंगा अभियान है.
उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता से भविष्य के रिसर्च क्षेत्र में देश के लिए बड़ा कदम साबित होगा. उन्होंने बताया कि चंद्रयान-1 का मिशन चंद्रमा पर पानी खोजना था और यह मिशन चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव पर था. लेकिन चंद्रयान-2 का मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने का है.
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अगर भारत को इस मिशन के चलते अबकी बार चांद की सतह पर रिसर्च में हिलीयम-3 की उपस्थिति का पता चलता है तो न्यूक्लीयर ऊर्जा के क्षेत्र में यह एक बेहद अहम कदम होगा.
वहीं विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने कहा कि यह भारत देश के लिए गर्व की बात है कि स्वदेशी तकनीक पर आधारित चंदयान-2 चांद पर उतरेगा और महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाएगा.