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विधायक घनश्याम सर्राफ ने किया स्टेडियम का औचक निरीक्षण, नहीं मिला कोई अधिकारी और कर्मचारी - ghyan singh sarraf inspection of bhim stadium

विधायक घनश्याम सर्राफ ने भीम स्टेडियम का औचक निरिक्षण किया. इस दौरान स्टेडियम में न तो कोई कोच मिला, न कोई कर्मचारी और न ही कोई अधिकारी मिला. स्टेडियम की हालत भी खस्ता मिली.

certain inspection of bhim stadium by ghyan singh sarraf
certain inspection of bhim stadium by ghyan singh sarraf

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Published : Jan 12, 2020, 6:30 PM IST

भिवानी: मिनी क्यूबा भिवानी के लालों द्वारा दुनियाभर में अपना लोहा मनवाने पर लोगों को जितना गर्व होता है, यहां के स्टेडियम की हालत देख कर उतनी ही शर्म भी आएगी. ये हम नहीं बल्कि खुद बीजेपी के नगर विधायक घनश्याम सर्राफ ने भी माना है. जब विधायक स्टेडियम के औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो हैरान रहा गए. यहां चारों तरफ अव्यवस्था और स्टेडियम खंडर हालत में मिला. विधायक ने कहा है कि वो इसकी शिकायत खेल मंत्री और अनिल विज से करेंगे.

बता दें कि भिवानी के पहलवानों ने, मुक्केबाजों ने और अन्य खिलाड़ियों ने अपने जिले का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है. जिले का सबसे बड़ा स्टेडियम 'भीम स्टेडियम' है. जहां भिवानीके युवा अपना खून-पशीना बहा कर देश की झोली में सोना-चांदी डालते हैं. पूरे देश के लोग इन पर गर्व करते हैं, लेकिन इन लालों की कर्म भूमी यानि भीम स्टेडियम की हालत देख कर आप शर्म महसूस करने लगेंगे.

विधायक घनश्याम सर्राफ ने किया स्टेडियम का औचक निरीक्षण, देखें वीडियो

खस्ताहाल भीम स्टेडियम

विधायक घनश्याम सर्राफ एकाएक इस स्टेडियम का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. विधायक एक के बाद एक अलग-अलग जगह निरीक्षण करते रहे, लेकिन यहां ना तो कोई अधिकारी मिला और ना ही कर्मचारी और कोई कोच भी नहीं मिला. विधायक उस समय हैरान रह गए जब एक साल पहले सीएम मनोहर लाल ने फैसिलिटी सेंटर के उद्घाटन का बोर्ड बाथरूम में पड़ा मिला. यही नहीं स्टेडिम का ट्रैक, सीढियां और बाथरूम क्षतिग्रस्त मिले. विधायक ने जब खिलाड़ियों से बात की तो पता चला कि यहां बहुत सी सुविधाओं की कमी है जो कुछ है वो खंडर हैं.

नहीं मिला कोई अधिकारी और कोच

विधायन घनश्याम सर्राफ ने भीम स्टेडियम की बदहाली पर खुद निराशा जताई और कहा कि यहां जितने काम होने चाहिए वो नहीं हुए हैं. हमारी सरकार खिलाड़ियों को पहले की सरकारों से ज्यादा नौकरी और ईनाम के पैसे देती हैं. यहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को पैसे देती हैं. बावजूद इसके स्टेडियम की ये हातल सोचने पर मजबूर करती है.

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हजारों युवा करते हैं प्रैक्टिस

बता दें कि इस स्टेडियम में हर रोज विभिन्न खेलों के चार से पांच हजार बच्चे अभ्यास करने के लिए आते हैं. साथ ही शहर के लोग भी यहां अपनी सेहत ठीक करने के लिए व्यायाम करने आते हैं. कुछ रोज पहले ही खुद खेल मंत्री संदीप सिंह भी यहां औचक निरीक्षण कर चुके हैं. बावजूद इसके जिला के सबसे बड़े स्टेडियम की हालत किसी से छुपी नहीं है? कभी खेल का सामान नहीं आता तो कभी बिल ना भरे जाने पर बिजली का कनेक्शन कट जाता है.

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