भिवानी:उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को लघु सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में जिला स्वच्छ भारत प्रबंधन समिति की बैठक हुई. इस बैठक में गोवर्धन योजना के तहत बायोगैस प्रोजेक्ट की समीक्षा हुई. बैठक में उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. उपायुक्त ने बताया कि भिवानी में इस प्रोजेक्ट पर 52 लाख 35 हजार रुपये खर्च होंगे और सही प्रबंधन के साथ-साथ गांव में स्वच्छता मिशन को गति मिलेगी.
गोवर्धन योजना के तहत बायोगैस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बायोगैस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गोबर से बायोगैस पैदा करने के लिए जरूरी व्यवस्था कर रही है. सरकार उन ग्राम पंचायतों की मदद करेगी जो गांव में गैस संयंत्र लगाना चाहते हैं.
गोवर्धन यानी गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्स धन स्कीम का मकसद गोबर से गैस तैयार करना है. उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों के लिए कचरे से आय पैदा करना है. प्रदेश में गोशालाएं और नंदीशालाएं हैं. जिनमें काफी मात्रा में मवेशी हैं. उन्होंने कहा इस स्कीम से न सिर्फ सफाई सुनिश्चित होगी, बल्कि किसानों, पशु पालको और अन्य को आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
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साथ ही उपायुक्त ने बताया कि जिले में इस प्रोजेक्ट पर 52 लाख 35 हजार रूपये खर्च होंगे. उन्होंने बताया कि ये प्रोजेक्ट ग्राम पंचायत ढ़ाणी माहू की गौशाला में लगाया जाएगा. परियोजना की शुरूआत में पाइप लाइन के जरिए घरों में बायोगैस पहुंचाई जाएगी. इसके अलावा खेतों के लिए गोबर से बेहतर जैविक खाद भी बनेगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को धुएं से छुटकारा मिलेगा. गोबर से तैयार होने वाली जैविक खाद से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढऩे के साथ-साथ फसल, फल और सब्जी की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.