भिवानी:बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या और पशुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भिवानी में गांव बीरन ने पंचायत की. पंचायत में निर्देश दिए गए कि सभी पशुपालक अपने-अपने पशुओं का रजिस्ट्रेशन 15 अगस्त तक कर दें. साथ ही ये भी निर्देश दिए कि जो पशुपालक अपने पशुओं का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता उस पर 5100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं पंचायत ने फैसला किया है कि जो पशुओं को बेसहारा छोड़ेगा उसको 11 हजार रुपये जुर्माने के तौर पर भरने होंगे.
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गांव बीरन के सरपंच प्रतिनिधि जोगेंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत ने गांव के सभी पशुपालकों को 15 अगस्त तक अपने गोवंश का रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद पंचायत अपने स्तर पर 16 अगस्त से एक रजिस्ट्रेशन अभियान चलाएगी. जिसके तहत जांचा जाएगा कि किस-किस पशुपालक ने अपने गोवंश का रजिस्ट्रेशन करवाया है.
सरपंच ने बताया कि यदि किसी पशुपालक द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया, तो उस पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी यदि कोई पशुपालक गोवंश को बेसहारा छोड़ता है, तो उस पर 11 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि आए दिन गोवंश की हो रही दुर्गति को रोकने के लिए ये कदम उठाया है. ताकि जब भी कोई गोवंश को छोड़े या बेचे तो उसका रिकॉर्ड पंचायत के पास अपडेट हो.
कई बार पशुपालकों द्वारा अपने गोवंश को खुला छोड़ दिया जाता है, जो कि अन्य नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं. यहां तक कि बेसहारा पशुओं के झगड़े का शिकार भी नागरिक होते है. ऐसे में ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए गांव बीरन की पंचायत ने पशुओं के रजिस्ट्रेशन करवाए जाने का फैसला लिया है. जिसके बाद यदि कोई पशुपालक अपने गोवंश को खुला छोडता है या बेसहारा छोड़ता है, नुकसान की भरपाई का जिम्मेदार पशुपालक होगा.
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दरअसल, कई बार बेसहारा पशु नागरिकों के लिए भी बड़ी समस्या बन जाते हैं. बेसहारा पशु राहगीरों पर हमला कर देते हैं, जिसके चलते कई बार लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. बेसहारा पशुओं के चलते यातायात पर भी असर पड़ता है. आर्थिक नुकसान से लेकर पशुओं पर किए जा रहे अत्याचार की रोकथाम के लिए बीरण गांव की पंचायत ने अहम फैसला लिया है.