भिवानी: भारत के नए संसद भवन में प्रवेश के साथ ही संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल पेश किया गया. इसमें लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. इस बिल को महिला सशक्तिरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा साथ ही सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी. इसको लेकर भिवानी की महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस बिल को महिलाओं के लिए समानता और सशक्तिरण का प्रतीक बताया है.
महिला आरक्षण बिल: भिवानी राजीव गांधी महिला महाविद्यालय की असिस्टेंट प्रो. अनिता शर्मा, डॉ. सुनीता, डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक बिल लागू होने से देश में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में पुरुषों के समान दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल से महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर सक्रिय राजनीति में भाग ले सकेंगी. उन्होंने कहा कि देश की आबादी का 50 प्रतिशत महिलाएं हैं. ऐसे में महिलाओं की सदन में बड़ी उपस्थिति होने से देश की राजनीति नई दिशा लेगी. इससे लोकसभा में अनुशासन बढ़ने के साथ स्वच्छ राजनीति होगी.
'नए संसद भवन में महिलाओं के हित में ऐतिहासिक फैसला': उन्होंने कहा कि नए संसद भवन बनने के साथ ही महिला आरक्षण विधेयक महिलाओं के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि महिलाएं विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में जिस प्रकार से अपना नाम कमा चुकी हैं, अब आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में भी वे स्व. सुषमा स्वराज, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तर्ज पर देश की महिलाएं सक्रिय राजनीति में नजर आएंगी. इसके साथ ही अब महिलाओं को देश के विकास और देश के लिए नीतियों को बनाने का अवसर मिलेगा.