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भिवानी डाडम हादसा, जांच के लिए डीसी ने बनाई फैक्ट फाइंडिंग टीम

भिवानी जिले के डाडम खनन क्षेत्र में हुए हादसे को लेकर सरकार और प्रशासन पूरी तरह से गंभीर दिखाई दे रहे हैं. अब डिप्टी कमिश्नर ने इस हादसे की जांच के लिए फैक्ट फाइडिंग टीम का गठन किया (Bhiwani land Slide Investigation) है.

Dadam Mining Zone Accident IN Bhiwani
हादसे की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाई गई है.

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Published : Jan 4, 2022, 3:24 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 4:56 PM IST

भिवानी: डाडम खनन क्षेत्र में हुए पहाड़ खिसकने के मामले में अब एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया गया (Fact Finding Team Bhiwani Dadam Accident) है. यह जांच कमेटी खनन क्षेत्र में हुए हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए गठित की गई है. उपायुक्त रिपुधमन सिंह द्वारा एडीसी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी का नेतृत्व एडीसी राहुल नरवाल करेंगे.

उपायुक्त द्वारा गठित की गई कमेटी में एडीसी के अलावा तोशाम के एसडीएम मनीष कुमार फोगाट, एएसपी भिवानी, डीएफओ जितेंद्र अहलावत और माइनिंग ऑफिसर भूपेंद्र सिंह इसके सदस्य होंगे. कमेटी मामले की गहनता से जांच कर दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा इसके अलावा हादसे में दर्ज की गई एफआईआर मामले की जांच के लिए भी एसआईटी का गठन किया गया है. इस एसआईटी के प्रमुख डीएसपी मनोज कुमार को बनाया गया है.


भिवानी के डाडम खनन क्षेत्र में हुए हादसे के मामले में बीते सोमवार को पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की (fir in bhiwani landslide accident) थी. यह एफआईआर हादसे में जान गंवाने वाले एक मृतक तूफान सिंह के भाई मिथुन शर्मा की ओर से दर्ज कराई गई थी. ये बिहार का रहने वाला है. भिवानी पुलिस ने IPC 304 A के तहत गोवर्धन माइन्स के खिलाफ केस दर्ज किया था. हालांकि अब खबर आ रही है कि मिथुन शर्मा की ओर से यह एफआईआर वापस ले ली गई है.


गौरतलब है कि एक जनवरी 2022 को हुए पहाड़ खिसकने के मामले में (Dadam Mining Zone Accident in Bhiwani) अब तक पांच शव निकाले जा चुके हैं. जबकि दो घायलों का इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है. एनडीआरएफ की टीम जो यहां पहाड़ के नीचे दबे वाहनों की जांच कर रही हैं वह पहाड़ के बड़े पत्थरों को छोटे विस्फोटक के माध्यम से तोड़ते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. एनडीआरएफ की टीम के अनुसार खोजी कुत्तों के माध्यम से पहाड़ के नीचे दबे होने की संभावनाओं की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार अब सिर्फ दो वाहन ही पत्थर की चट्टानों के नीचे दबे हुए है, लेकिन किसी व्यक्ति के दबे होने की संभावनाएं अब ना के बराबर रह गई है.


उधर, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ माइन सेफ्टी (DGMS) गाजियाबाद की टीम ने हादसे की जांच के लिए सोमवार को पूरे खनन एरिया का निरीक्षण किया. टीम ने घटनास्थल के अलावा आसपास के एरिया में पहले हुए खनन के बारे में भी बारीकी से जांच की. टीम में खनन विभाग के डायरेक्टर और ऊपरी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. टीम मंगलवार को फिर से पूरे एरिया का निरीक्षण करने पहुंची है.

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गौरतलब है कि भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों (dadam mining zone) के लिए जाना जाता है. शनिवार सुबह खनन कार्य के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक से दरक गया, जिसके चलते वहां खड़ी आधा दर्जन के करीब पोकलेन मशीनें और डंफर दब गए. इसके साथ ही लगभग पांच से दस से लोगों के दबे होने की खबर थी. जिसके बाद प्रशासन राहत बचाव के कार्य में जुट गया. अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, दो लोगों को निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.

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NDRF के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा ने कहा कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक मलबे को पूरी तरह से हटाया नहीं जाता तब तक उनका काम जारी रहेगा. हालांकि बीआर मीणा ने और शव मिलने की संभावनाओं से इनकार किया है.

कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है.

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Last Updated : Jan 4, 2022, 4:56 PM IST

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