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भिवानी जिले में 100 हेक्टेयर में होगा मछली उत्पादन - भिवानी प्रशासन मछली उत्पादल योजना

भिवानी में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने मत्स्य पालकों से ट्रेनिंग के लिए आवेदन मांगे हैं. इन मत्स्य पालकों को सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी.

bhiwani administration Ask for application from fishermen for Fisheries training
bhiwani administration Ask for application from fishermen for Fisheries training

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Published : Jul 17, 2020, 8:07 PM IST

भिवानी: केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री मत्स्य योजना पर कार्य शुरू हो चुका है. इसके तहत केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है, जिसमें से 11 हजार करोड़ रुपये संमुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन व 9 हजार करोड़ रुपये मत्स्य पालन के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे.

इसी को लेकर भिवानी मत्स्य विभाग ने जिले में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन का लक्ष्य रखा है. इसको लेकर मत्स्य पालकों से ट्रेनिंग के लिए आवेदन मांगे गए हैं. भिवानी के जिला मत्स्य अधिकारी जयगोपाल वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 10 दिन के प्रशिक्षण के बाद मछली उत्पादन करने के इच्छुक किसानों को लगभग 11 लाख की कीमत से मत्स्य उत्पादन का कार्य शुरू करना होगा.

भिवानी में मत्स्य पालन के लिए प्रशासन ने उठाए ये कदम, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि इसमें सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है और महिला मत्स्य उत्पादक व अनुसूचित जाति मत्स्य उत्पादक को 60 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने बताया कि भिवानी जिले में 20-20 मत्स्य पालकों के ग्रुप बनाकर उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग की एवज में प्रत्येक मत्स्य पालकों को विभाग के द्वारा 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से ट्रेनिंग लेने की ऐवज में दिए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि भिवानी जिला में 31 मार्च 2021 तक लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग पांच करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मत्स्य उत्पादक किसानों को खर्च व बाजार को लेकर जरा भी हिचकने की जरूरत नहीं है. क्योंकि मत्स्य उत्पादन के दौरान मार्केट की कोई दिक्कत नहीं है और मछली बिकना बहुत आसान है.

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इस पर आने वाले खर्च की पूर्ति भी एक ही साल में पूरी की सकती है. उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए किसान को अपनी या लीज पर ली हुई जगह पर तालाब खोदने, ट्यूबवेल व लाइट की व्यवस्था करने, ऑक्सीजन उपकरण और फीड स्टोर बनाने की आवश्यकता होती है, जिस पर 40 से 60 प्रतिशत पर अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा.

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