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भिवानी में कृषि अध्यादेशों के खिलाफ भाकियू का प्रदर्शन - भिवानी किसान धरना

भिवानी में भाकियू की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में शामिल किसानों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कृषि अध्यादेशों को वापस लेने की भी मांग की.

bhartiya kissan union protest against agriculture ordinance in bhiwani
भिवानी में कृषि अध्यादेशों के खिलाफ भाकियू का प्रदर्शन

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Published : Sep 11, 2020, 2:19 PM IST

भिवानी: कृषि अध्यादेशों का किसान और व्यापारी संगठन शुरू से विरोध कर रहे हैं, लेकिन पीपली रैली में जाने से किसानों को रोकने और किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद अब किसान और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं. भिवानी में भारतीय किसान यूनियन की ओर से प्रदर्शन कर सरकार से दोबारा कृषि अध्यादेश लागू नहीं करने की मांग की.

किसान नेता मंगल सिंह खरेटा ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत कृषि अध्यादेशों पर रोक लगानी चाहिए. अगर सरकार ने इसे लागू कर दिया तो देश का किसान बर्बाद हो जाएगा. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से बीटी कपास का बीज भी देश में नहीं लाने देने की मांग की.

भिवानी में कृषि अध्यादेशों के खिलाफ भाकियू का प्रदर्शन

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उन्होंने आगे कहा कि देश और प्रदेश का किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है. अगर सरकार ने समय रहते बीटी कपास के घटिया बीज को बंद नहीं किया और कृषि क्षेत्र के लिए लाए गए तीनों अध्यादेश वापस नहीं लिए तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. किसान नेता ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द मांगों पर गोर नहीं किया तो किसान बरोदा उपचुनाव में बीजेपी को जीतने नहीं देंगे.

किन अध्यादेशों का विरोध?

  1. पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे. पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था.
  2. दूसरे अध्यादेश के मुताबिक केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल ऑयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है.
  3. तीसरे अध्यादेश के अनुसार केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, इसमें बड़े बिजनेस और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकती है. जिससे किसान नाराज हैं.

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