भिवानीः अपनी मांगे मनवाने के लिए आशा वर्कर्स ने एक बार फिर भाजपा सरकार के खिलाफ (Asha workers protest in Bhiwani) मोर्चा खोल दिया है. आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के आह्वान पर सैकड़ों आशा वर्कर्स नेहरू पार्क में एकत्रित हुईं और फिर शहर में विरोध प्रदर्शन किया. आशा वर्कर्स अपनी कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. आशा वर्कर्स वेतन में बढ़ोत्तरी करने, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई पांच हजार की एकमुश्त राशि लागू करने, आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा देने व न्यूनतम वेतन लागू कर उसे मंहगाई भते के साथ जोड़ने सहित कई मांगे कर रही हैं.
आशा वर्कर्स ने भिवानी में किया रोष प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा मांगपत्र - etv haryana latest news
प्रदेश की आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर हैं. भिवानी में आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को (Asha workers protest in Bhiwani) लेकर प्रदर्शन किया. रोष प्रदर्शन कर रही वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र भी दिया.
इसके अलावा आशा वर्कर्स की ऑनलाईन काम पर (Asha worker haryana) तुरंत रोक लगाने, कोराना की 1000 रूपए की राशि दिए जाने की मांग भी शामिल हैं. विरोध कर रही वर्कर्स ने सरकार पर निजीकरण के भी आरोप लगाए हैं. यूनियन की राज्य उप प्रधान कमलेश भैरवी ने कहा कि आशा कर्मियों के वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है. केंद्र सरकार 45 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू नहीं कर रही. अपनी सभी मांगों को पूरा करने के लिए वर्कर्स ने मुख्यमंत्री के नाम विधायक घनश्याम सर्राफ के पीए को मांगपत्र सौंपा.
वर्कर्स ने बताया कि केन्द्र सरकार आशा वर्कर्स के कोराेना काल के काम के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से ग्लोबल हेल्थ लीडर्स का अवार्ड ले रही है. लेकिन कोरोना काल के दौरान घोषित 5000 रुपए एकमुश्त सहायता राशि अभी तक नहीं दी गई. आशा कर्मीयों को पीएफ व ईएसआई का लाभ भी अभी तक नही दिया गया है. न ही रिटार्यमेंट बैनिफिट दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें 6 महीने पहले मांगे मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक वो पूरा नहीं हुआ. जल्द ही मांगे नही मानी गई तो प्रदेश में बड़े आंदोलन की धमकी आशा वर्कर्स ने दी है.