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कृषि और किसान कल्याण विभाग ने जारी किया रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य - रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

कृषि और किसान कल्याण विभाग ने रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया है. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

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2023-24 रबी फसलों के लिए MSP मूल्य का निर्धारण

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Published : Nov 22, 2022, 4:11 PM IST

कृषि और किसान कल्याण विभाग ने जारी किया रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

भिवानी: कृषि और किसान कल्याण विभाग ने रबी विपणन मौसम 2023-2024 के लिए रबी फसल को उचित औसत गुणवत्ता का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है. जिनमें गेहूं, जो, मसूर आदि फसलें निर्धारित की गई हैं. बता दें कि गेहूं का MSP 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. जबकि जौ का 1735 रुपए प्रति क्विंटल है. वहीं चने का 5335 रुपए प्रति क्विंटल का निर्धारण किया गया है.

वहीं मसूर का एमएसपी 6000 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों का 5450 रुपए प्रति क्विंटल वहीं कुसुम-सैफ्लॉवर का MSP (Minimum Support Price) मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार रबी की उचित औसत गुणवत्ता FAQ का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP (Minimum Support Price) निर्धारित किया है.

विपणन मौसम 2023-24 के लिए रबी फसलों का MSP निर्धारित किया गया है. ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके. वहीं उपायुक्त ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार भारतीय खाद्य निगम FSI (Food Corporation of India) और अन्य नामित राज्य एजेंसियां किसानों को मूल्य समर्थन प्रदान करना जारी रखेंगी. राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति के साथ मोटे अनाज की खरीद करेगी और (NFSA) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम(National Food Security Act) के तहत पूरी खरीदी गई मात्रा का वितरण भी करेगी.

किसानों के लिए सब्सिडी (NFSA) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियमके तहत जारी की गई मात्रा के आधार पर होगी. वह नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Limited) SFAC (Small Farmers Agribusiness Consortium)छोटे किसान कृषि व्यवसाय संघ और अन्य नामित केंद्रीय एजेंसियां दालों और तिलहन की खरीद का काम जारी रखेंगी.

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एक तरफ जहां एमएसपी मूल्य का निर्धारण किया गया है. आपको बता दें कि इन दिनों हरियाणा के कई जिलों में DAP खाद को लेकर किसान काफी परेशान है जिसकी वजह से गेहूं की बिजाई काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है. किसानों का कहना है कि DAP प्राइवेट सेंटर पर मिल रही है लेकिन उनका दाम काफी ज्यादा होने के कारण किसान उसे खरीद नहीं सकता. किसान परेशान हो रहे हैं और सरकार से जल्द से जल्द DAP की समस्या को हल करने की मांग कर रहे हैं.

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