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बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार की कथनी और करनी में अंतर: बर्खास्त पीटीआई

1983 बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने नौकरी बहाली की मांग को लेकर भिवानी लघु सचिवालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया. बर्खास्त टीचरों का कहना है कि हरियाणा सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. मुख्यमंत्री आपने हठधर्मिता छोड़कर 1983 परिवारों को बसाने का काम करें.

1983 pti teacher protest
1983 pti teacher protest

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Published : Dec 2, 2020, 8:12 PM IST

भिवानी:स्थानीय लघु सचिवालय के सामने 1983 बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का धरना जारी है. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उन्हें 6 अक्टूबर की वार्ता में नौकरी बहाली का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक किसी भी बर्खास्त पीटीआई की नौकरी बहाली के आदेश नहीं आए हैं. ये बात धरने की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला संयोजक दिलबाग जांगड़ा ने कही.

इस दौरान सभी कर्मचारी संगठनों और शारीरिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है, मुख्यमंत्री आपने हठधर्मिता छोड़कर 1983 परिवारों को बसाने का काम करें.

उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति, जिला भिवानी तालमेल कमेटी और राज्य स्तरीय तालमेल कमेटी के साथ वार्तालाप करके आगे की रणनीति बनाकर सरकार को घेरने का कार्य करेंगे.

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अनशन को हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के संगठन सचिव जंगबीर कासनिया, राजेश लांबा, अशोक चाहर, विनोद पिंकू, रामपाल ने संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार से कर्मचारी, किसान, मजदूर, व्यापारी सभी वर्ग दुखी हैं. भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कर्मचारी, व्यापारी एवं मजदूरों को परेशान करने में लगी है. सरकार को चाहिए कि 10 वर्ष सेवा करने के बाद 1983 पीटीआई अध्यापकों की सेवा बहाली करे, नहीं तो सभी कर्मचारी संगठनों और तालमेल के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाने का कार्य करेंगे.

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