यमुनानगर: चुनाव आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो जाती हैं. चुनाव-प्रचार जोरों पर होता है. इस दौरान पार्टी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक देती है. ऐसा ही कुछ उम्मीदवार भी करता है. एक उम्मीदवार को दिन में कई सभाओं, रैलियों को संबोधित करना पड़ता है, लेकिन फिर भी उम्मीदवार के माथे पर शिकन की एक लकीर तक नहीं दिखाई देती है.
पत्रकारों के सवाल पर छलका कटारिया का दर्द, 'खुद लड़कर देख लो चुनाव..पता चल जाएगा' - बीजेपी
वैसे रतन लाल कटारिया अपने बेबाक जवाब देने के अंदाज के लिए जाने जाते हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है मानों आजकल उनके चेहरे से हंसी कही गायब हो गई है.
मायूस नज़र आए कटारिया
बीजेपी ने अंबाला से एक बार फिर रतन लाल कटारिया पर दांव खेला है, जीत के लिए कटारिया लगातार जनसभाएं भी कर रहे हैं. एक जनसभा के दौरान कटारिया काफी मायूस नजर आए. ऐसा लगा उनके चेहरे से मानो हंसी गायब है.
जब इस पर पत्रकार ने उनसे सवाल किया. जब कटारिया सवाल का जवाब देने लगे तो ऐसा लगा मानो कटारिया का दर्द छलक गया हो. वो कहने लगे कि एक दिन में 21-21 प्रोग्राम करने पड़ते हैं. जो ये सवाल कर रहे हैं लो भी चुनाव लड़कर देख लें, उन्हें खुद पता चल जाएगा.