अंबाला: देश की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण पाने और जनता को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाएं जा रहे हैं जिसमें से एक राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम है. लेकिन कोरोना काल में इस कार्यक्रम पर कितना प्रभाव पड़ा और इस दौरान कितनी संख्या में लोगों ने इसका फायदा उठाया है, वो जानने के लिए ईटीवी भारत ने अंबाला का रूख किया.
हमारी पड़ताल में सामने आया की इस वर्ष राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को 3,840 लोगों की नसबंदी का आंकड़ा दिया गया था, जिसे इन अधिकारियों ने बखूबी पूरा किया है. तो वहीं इस वर्ष भी सरकार द्वारा चलाए गए इस कार्यक्रम का कई लोगों ने फायदा भी उठाया है.
नसबंदी कराने में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या बेहद कम
वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक 8,300 नसबंदी की जा चुकी है, जिनमें से 8,270 महिलाएं और मात्र 30 पुरुष शामिल हैं. वहीं कोरोना काल में भी पूरी सावधानी बरते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरुक करने के लिए पखवाड़े लगाए गए. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंडोम, गर्भधारण नहीं होने वाली दवाई और अबो्र्ट करने वाली दवाइयां मुफ्त में जिले के हर स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध करवाई जाती है.
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत पुरुषों की काफी कम भागीदारी देखी गई जिसको लेकर डॉक्टर्स का मानना है की समाज में शर्म के कारण और परिवार के दबाव की वजह से वो आगे नहीं आना चाहतें हैं.