अंबाला: प्रदेश में ट्यूशन फीस न मिलने की वजह से निजी स्कूलों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. इसको लेकर इंटिग्रेटेड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसाइटी ने एलान किया है कि जो भी अभिभावक बच्चों की ट्यूशन फीस 30 जून तक नहीं जमा कराएंगे, उनके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाएगा.
फीस न मिलने से बढ़ी निजी स्कूलों की मुसीबतें
बता दें कि लॉकडाउन के चलते हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को कहा था. अन्य फीस को लेने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा सरकार ने ये भी अपील की थी कि लॉकडाउन के दौरान जो अभिभावक अपने बच्चों की फीस जमा कराने में असमर्थ है, उनसे फीस न ली जाए.
प्राइवेट स्कूलों ने फीस न मिलने को लेकर दी चेतावनी, देखें वीडियो प्राइवेट स्कूलों ने आर्थिक तंगी का दिया हवाला
निजी स्कूल सोसाइटी अध्यक्ष सौरव कपूर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी प्राइवेट स्कूल बच्चों की ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं, जिसके चलते उनके खर्चे भी बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने एलान किया है कि प्राइवेट स्कूल सिर्फ बच्चों से ट्यूशन फीस ही लेंगे. प्राइवेट स्कूलों ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए कहा है कि जब से लॉकडाउन का एलान किया गया है तब से बच्चों की फीस नहीं आ रही है.
अध्यापकों को वेतन देने में आ रही है कठनाई
फीस नहीं आने की वजह से स्कूल में टीचरों की सैलरी रूकी हुई है. उन्होंने बताया कि करीब 90% अभिभवकों ने अभी भी ट्यूशन फीस स्कूलों को नहीं दी है, जिस वजह से उन्हें खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि बीते 2 महीनों का वेतन अपने अध्यापकों को नही दे पाए हैं, जिससे उन्हें मजबूरी में आकर ये फैसला लेना पड़ा है कि आगामी 30 जून तक यदि अभिभावक ट्यूशन फीस नही दे पाएंगे, तो उनके बच्चों के नाम काट दिए जाएंगे.
हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश
गौरतलब है कि अपनी इस निजी स्कूलों ने अपनी इस समस्या को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट में निजी स्कूलों की ओर से पंजाब की तर्ज पर बच्चों से 70 फीसदी फीस जमा कराने की मांग की थी. जिसका हरियाणा स्कूल पेरेंट्स वेलफेयर लीग और दूसरे अभिभावक संगठनों ने विरोध किया था.
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इस मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि तीन महीने की फीस नहीं मिल पाने से अगर वाकई में स्कूल चला पाने में दिक्कत हो रही है तो ऐसे स्कूलों को बंद कर देना चाहिए.