अंबाला: कोरोना वायरस फैलने का दौर है. सरकारी अस्पतालों पर कोरोना मरीजों के इलाज और देख-रेख का बड़ा जिम्मा है. साथ ही सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज का आदेश दे रखा है, लेकिन शिकायतें आ रही हैं कि प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मोटा पैसा वसूल रहे हैं. वे लैब टेस्ट, दवाओं और पीपीई किट जैसे सामान पर जमकर मुनाफा कूट रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला अंबाला के कोविड सेंटर मिशन अस्पताल से सामने आया. यहां कोरोना संक्रमित एक मरीज का इलाज 7 दिन चला, जिसका बिल 54 हजार रुपये बना दिया गया. अब यहां सवाल ये है कि जिन मरीजों को सिविल अस्पताल के माध्यम से निजी अस्पताल भेजा जाता है. उनका सारा खर्च सरकार उठाती है तो वो आखिर किस बात का पैसा दें ?
वहीं जब इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए हमने अंबाला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए कोविड केयर सेंटर मिशन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. एस सादिक से बातचीत की तो उन्होंने साफ कहा कि अंबाला स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेफर किए गए मरीजों से वो पैसे नहीं वसूलते, लेकिन अगर किसी मरीज की हालत क्रिटिकल हो तो वो बाकायदा उनसे राजीनामा लिखवाते हैं कि उनको इलाज में ये दवाइयां लगेंगी. जिसका चार्ज उनको देना होगा नहीं तो वो बाहर से भी वो दवाइयां खरीद सकते हैं.