अंबाला: यूं ही नहीं भारत को लोकतांत्रिक देश कहा जाता है, भारत में हर किसी को अपनी बात रखने और अपने हक के लिए लड़ने के पूरे अधिकार हैं. इसके लिए प्रशासन और भारतीय संविधान हर नागरिक को पूरे अधिकार प्रदान करता है, भले ही वो नागरिक भारतीय हो या विदेशी. इस बात का प्रमाण अली मुर्तजा केस (Pakistani citizen Ali Murtaza) से देखने को मिलता है. दरअसल यहां टूरिस्ट वीजा पर आए अली मुर्तजा को अंबाला पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था. जिसे अंबाला सेशन कोर्ट ने सभी आरोपों में निर्दोष साबित करते हुए वतन वापसी करवा दी है.
पाकिस्तान के कराची का रहने वाला अली मुर्तजा टूरिस्ट वीजा पर अगस्त 2019 में भारत आया था. जिसे संदिग्ध मानते हुए 14 अगस्त 2019 को मुम्बई से अमृतसर जाते समय अंबाला कैंट से पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद हिरासत में रहते हुए अली मुर्तजा ने एडवोकेट एसके माकन के माध्यम से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और खुद को निर्दोष साबित किया. पाकिस्तानी नागरिक अली मुतर्जा का केस मुफ्त लड़ने वाले एडवोकेट एसके माकन ने बताया कि जेल विजिट के दौरान उनकी मुलाकात अली मुतर्जा से हुई. जिसके बाद उन्होंने यह केस लड़ने का फैसला किया.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सीजीएम व अंबाला सेशन कोर्ट ने अली मुतर्जा को सभी आरोपों से बरी कर दिया. जिसके बाद सरकार व प्रशासन द्वारा एनओसी मिलने पर अली मुर्तजा 26 मार्च को अपने वतन वापस लौट (Pakistani national return home) चुका है. अंबाला पुलिस के अधिकारी अली मुर्तजा को अमृतसर के वाघा बॉर्डर तक ले गए और उन्हें तय प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने मूल देश पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. मिली जानकारी के अनुसार अली मुर्तजा कराची में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहा है और उनकी पत्नी वहां डेंटिस्ट हैं. वहीं सभी आरोपों से बरी होने के बाद अली मुर्तजा ने भारत सरकार और भारत की न्यायपालिका का आभार जताया है.