अंबाला: अब प्रदेश की जेलों में रेडियो स्टेशन खोले जाएंगे. इसके लिए अंबाला सेंट्रल जेल, फरीदाबाद नीमका जेल और पानीपत जिला जेल के कैदियों को को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. फरीदाबाद में तो महिला और पुरुष दोनों कैदियों को ट्रेनिंग दी है. इन तीनों जेलों के कैदियों को सर्टिफिकेट भी दिए जा चुके हैं.
पहले फेज में अंबाला जेल के 6 कैदियों को सिलेक्ट कर ट्रेनिंग दी गई है. ट्रेनिंग में स्क्रिप्ट कैसे लिखनी है. किस मुद्दे पर लिखनी है. उस स्क्रिप्ट को प्रजेंट कैसे करना है. इन सब के लिए सिखाया गया है.
इन स्किल्स पर किया गया कैदियों का चयन
- पहले तो सभी कैदियों की बोलने की क्षमता को पहचाना गया. क्योंकि कई कैदी पढ़े लिखे होते हैं लेकिन वो कैमरा या माइक से माने बोलते वक्त हिचकिचाते हैं. कई थोड़ा कम पढ़े होते हैं जो कैमरा और माइक के सामने अच्छे से बोल पाते हैं. मतलब ये कि पहले सभी कैदियों में ये पहचाना गया कि कौन कैदी माइक पर अच्छे से बोल सकता है.
- इसके बाद उन कैदियों में लिखने और पढ़ने की क्षमता को देखा गया. लिखने के आधार पर फिर कुछ कैदियों का चयन किया गया. अब इन कैदियों को प्रजेंट करने का तरीका सिखाया गया है. ताकि ये रेड़ियों पर श्रोताओं को बांध कर रख सकें. अंबाला सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट लखबीर सिंह बराड़ ने बताया कि ये काम तिनका-तिनका सामाजिक संस्था के सहयोग से से किया जा रहा है.
- जेल में रेडियो स्टेशन कैदियों के लिए खुला मंच होगा. यहां स्वास्थ्य को लेकर हो या शहर के मुद्दे जो कैदी अखबारों में पढ़ते हैं उनपर भी रेडियो स्टेशन पर बातचीत करेंगे. जैसे- हरियाणा की आज की पांच बड़ी खबरें, भारत की आज की पांच बड़ी खबरें. अभी तक तो सिर्फ कैदियों को ट्रेनिंग दी गई है. अब रेडियो स्टेशन का रूम तैयार करने और उसमें यंत्र लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं.