अंबाला: महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. इस दिन शिवालय भक्तों के जयकारों से गूंज उठते हैं. वहीं कई प्रदेशों से कांवड़िये खासतौर पर हरिद्वार और ऋषिकेश से जाते हैं और वहां से गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं.
शिव भक्तो का मानना है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. ज्यादातर कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर पैदल ही यात्रा करते है. शिव भक्तो ने भी जगह-जगह कांवड़ियों के ठहरने के लिए शिविर लगाए हैं. जहां पर इनके नहाने और खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था की गई है.
हरिद्वार से कांवड़ लेकर लौट रहे कांवड़िया अंबाला में बनाए गए शिविर
अगर बात अंबाला की करें तो यहां से भी कांवड़ हरिद्वार जा रहे हैं और कई कांवड़िया कांवड़ लेकर लौट भी रहे हैं.अंबाला में भी कई जगहों पर कांवड़ियों के लिए शिविर बनाए गए हैं. जहां वो विश्राम कर सकें.
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हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे कांवड़ियों ने बताया की वो पंजाब से है. वो हरिद्वार से पैदल जल लेकर यात्रा कर रहे हैं और 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन अपने शहर पहुंचकर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर अपनी यात्रा समाप्त करेंगे. वहीं सनातन धर्म के प्रधान मुकेश मोहन सहगल ने बताया कि ये शिविर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लगाया गया है. जिसमें दूर-दूर से आए कांवड़िए रुक रहे हैं.