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आज वायुसेना में शामिल होगा राफेल, फ्रांस की रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में होंगी शामिल - राफेल सेरेमनी अंबाला

आज राफेल विमान अंबाला के आसमान में करतब दिखाएंगे. इस मौके पर सुखोई-30, ध्रुव हेलीकॉप्टर टीम सारंग, जगुआर और अन्य विमान भी अपने करतब दिखाएंगे. आज ही राफेल को औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा.

Induction ceremony of rafale fighters jet
राफेल विमान अंबाला

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Published : Sep 9, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 6:59 AM IST

चंडीगढ़/अंबाला: आज राफेल फाइटर जेट की भारतीय वायुसेना में औपचारिक एंट्री होगी. ये एंट्री काफी धमाकेदार होने वाली है. एयरफोर्स में एंट्री के मौके पर अंबाला में एयरफोर्स स्टेशन पर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के पायलट राफेल के साथ कलाबाजियां दिखाएंगे.

राफेल विमानों के अलावा सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर और अन्य श्रेणी के विमान भी करतब दिखाएंगे. जगुआर और सुखोई-30 एरो फार्मेशन में एक साथ समारोह स्थल पर उड़ेंगे. इस समारोह के लिए राफेल विमान के पायलट पांचों विमानों के साथ अभ्यास कर रहे हैं.

अंबाला एयरबेस पर तैनात राफेल (फाइल फोटो)

इस मौके पर राफेल विमान आकाश में कलाबाजियां करेगा. जिसकी दमादार एंट्री दुश्मन देश के रोंगटे खड़े कर देगी. इस एतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले की सुरक्षा के मद्देनजर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है. सेना की हथियारबंद टुकड़ियां बाजारों और मुख्य रास्तों पर गश्त कर रही हैं.

राफेल की ये खासियत बनाती है इसे खतरनाक

राफेल विमान की खासियतें

  • दुनिया के सबसे ताकतवर लडाकू विमानों में शुमार राफेल एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है.
  • ये विमान एक मिनट में 2500 राउंड फायरिंग की क्षमता रखता है.
  • इसकी अधिकतम स्पीड 2130 किमी/घंटा है और ये 3700 किमी तक मारक क्षमता रखता है.
  • इस विमान में एक बार में 24,500 किलो तक का वजन ले जाया जा सकता है, जो कि पाकिस्तान के एफ-16 से 5300 किलो ज्यादा है.
  • राफेल न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है. पाकिस्तान के सबसे ताकतवर फाइटर जेट एफ-16 और चीन के जे-20 में भी ये खूबी नहीं है.

हवा से लेकर जमीन तक हमला करने की काबिलियत रखने वाले राफेल में 3 तरह की मिसाइलें लगेंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल और तीसरी है हैमर मिसाइल. इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल काल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ेगा.

राफेल विमान (फाइल फोटो)

द गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन को मिलेगी कमान

राफेल विमानों का ये बेड़ा एयरफोर्स की 17वीं स्क्वाड्रन को सौंपा जाएगा. इस स्क्वाड्रन को द गोल्डन एरोज (The Golden Arrows) के नाम से जाना जाता है. इस स्क्वाड्रन का भी बड़ा गौरवशाली इतिहास है. अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन में स्थित ये वही स्क्वाड्रन है, जिसने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. तब इस स्क्वाड्रन की कमांड पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के हाथों में थी. तव वे इस स्क्वॉड्रन के विंग कमांडर थे. 17वीं स्क्वाड्रन के बमबर्षक में मिग-21 प्रमुख रूप से शामिल थे.

जब देश में मिग-21 विमानों की दुर्घटना ज्यादा होने लगी तो इस विमान को वायुसेना से बाहर किया जाने लगा. इसके बाद 2016 में इस स्क्वाड्रन को भंग कर दिया था, लेकिन राफेल मिलने के साथ ही इस स्क्वाड्रन को फिर से सक्रिय किया गया है. सितंबर 2019 में द गोल्डन एरोज को एक बार फिर से बहाल कर दिया गया. सरकार ने फैसला किया कि नए राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती यहीं पर की जाएगी. इसी के साथ ही हवा के ये जांबाज राफेल की ताकत से लैस होकर देश की हिफाजत करने को फिर से तैयार हैं.

ये भी पढ़ें-बेहद खास है राफेल, जानिए अंबाला एयरबेस को ही क्यों सौंपी गई कमान?

भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदें हैं, जिसमें से 5 विमान आ चुके हैं और बाकी विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी. भारतीय वायुसेना में राफेल की एंट्री के साथ ही अब कोई भी मुल्क भारत की ओर नजर उठाकर देखने से पहले 10 बार सोचेगा.

Last Updated : Sep 10, 2020, 6:59 AM IST

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