अंबालाःछावनी में बिना लाइसेंस के दुकानों में मीट-मांस की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. उसके बावजूद नगर परिषद इन दुकानों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है. जानकारी के मुताबिक नगर परिषद द्वारा आज तक एक भी मीट का काम करनेवाले को लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. इसके बावजूद भी बाजार में खुलेआम मीट-मछली की दुकानें खुली हुई हैं और प्रदूषित तरीके से मीट मच्छी खुले में बेचीं जा रही है.
क्या है प्रक्रिया
नगर परिषद सीमा में मांस की दुकानों के लिए परिषद के द्वारा एक लाइसेंस जारी किया जाता है. जिसमें मछली और मुर्गे के मीट के लिए लाइसेंस जारी होता है, जबकि सूअर और बकरे के मीट के लिए लाइसेंस जारी नहीं होता. इस प्रकार के लाइसेंस के लिए मीट कारोबारी को ऑनलाइन या मैनुअल आवेदन करना पड़ता है और परिषद के द्वारा लाइसेंस के मानक पूरे होने पर ही मीट की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाता है.
पहले होती है जांच फिर मिलता है लाइसेंस
लाइसेंस जारी करने से पहले निगम कर्मी दुकान पर जाकर भौतिक सत्यापन कर मानकों की जांच भी करता है. जांच के दौरान दुकान में साफ-सफाई मीट के काटने की व्यवस्था के मानकों की जांच की जाती है और उसके बाद ही मीट कारोबारी को लाइसेंस जारी होता है. लेकिन यहां इसके विपरीत नगर परिषद द्वारा आज तक एक भी मीट का काम करनेवाले को लाइसेंस जारी नहीं किया गया है.
खुले में प्रदूषित हो जाता है मीट
वहीं जब हमने लोगों से इस बारे में बातचीत की तो उनका कहना था की खुले में मीट नहीं बेचना चाहिए क्योंकि ना तो ये खाने लायक होता है और जो लोग मीट-मच्छी नहीं खाते उन लोगों को एक तो इस तरह खुले में मीट मच्छी देखकर घृणा होती है और दूसरी तरफ जो लोग मीट मच्छी खाते हैं उन लोगों को प्रदूषित मीट मच्छी खाने को मिलती है.