अंबाला: मंदिर में शादी करने के बाद कोर्ट से सुरक्षा मांगने आए जोड़े पर पुलिस ने नाबालिक दुल्हन का फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट पेश करने को लेकर आरोपी दूल्हे को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया और फिर वहां से उसे जेल भेज दिया गया.
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इस पूरे मामले में एडिशनल सेशन जज रजनीश बंसल की कोर्ट के आदेश पर आरोपी हरीश और नाबालिक दुल्हन पर 3 जुलाई 2020 को दस्तावेजों में हेराफेरी, लोक सेवक को झूठी सूचना देने और झूठे साक्ष्य गढ़ने जैसी धाराएं लगाई गई है.
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दरअसल, जब मंदिर में शादी करने के बाद युवक युवती सुरक्षा मांगने पहुंचे तो कोर्ट को उनके दस्तावेजों पर संदेह हो गया था. बर्थ सर्टिफिकेट में कटिंग की हुई थी और जब कोर्ट ने इस पर संदेह जताया तो युवक-युवती पेशी पर ही नहीं आए.
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इसके बाद कोर्ट ने शादी कराने वाले पुजारी जोगिंद्र शर्मा को बुलाया और पुजारी भी लड़की के असली बर्थ सर्टिफिकेट और पिता के बारे में जानकारी नहीं दे पाया. वहीं युवक-युवती के वकील ने ये कह कर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें नहीं पता कि वो दोनों कहां चले गए.
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जब कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कराया गया तो जांच में पता चला कि आरोपी हरीश पेशे से ड्राइवर है और लड़की उसके गांव में परिवार के साथ किराए पर रहती थी. बर्थ सर्टिफिकेट कैथल से जारी हुआ दिखाया गया था.
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कैथल स्वास्थ्य विभाग के जन्म-मृत्यु पंजीकरण शाखा ने बताया कि ये सर्टिफिकेट अंजू पुत्री सुभाष चंद निवासी गांव फरल के नाम पर दर्ज है. जिसके बाद 23 जून को कोर्ट ने सिटी पुलिस को केस दर्ज कराने के आदेश दिए थे.