अंबाला: जिले में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन म्यूजियम का शुभारंभ किया गया. वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने म्यूजियम का फीता काटकर इसकी शुरूआत की. बता दें कि 3 साल पहले स्क्वाड्रन को वायुसेना ने भंग कर दिया था. राफेल को उड़ाने के लिए करगिल युद्ध की हीरो '17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन' की एक बार फिर बहाली की गई है.
स्क्वाड्रन की बहादुरी का इतिहास
17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का इतिहास वीर गाथाओं से भरा है. 1999 के युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर के समय स्क्वाड्रन बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थी, तब एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ विंग कमांडर थे और इसी स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे.
27 मई 1999 को स्क्वाड्रन के लीडर अजय आहूजा मिशन पर थे, जब एक स्टिंगर मिसाइल ने उनके विमान को निशाना बनाया. स्क्वाड्रन लीडर आहूजा विमान से इजेक्ट कर गए थे, मगर वे शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया था. इसी की याद में अंबाला में म्यूजियम बनाया गया है. ऑपरेशन सफेद सागर से जुड़े तमाम उपकरण और सैनिकों की गाथाओं को यहां दर्शाया गया है.
राफेल विमान की कमान संभालेगा गोल्डन एरो स्क्वाड्रन
अब राफेल विमानों का संचालन इस स्क्वाड्रन को ही सौंपा जाएगा, जिससे एयरफोर्स में इस स्क्वाड्रन की भूमिका सबसे अहम होगी. राफेल के लिए अंबाला में अधिक चौड़ा रनवे, हैंगर और अन्य प्रबंध किए गए हैं.
राफेल की तैनाती
करगिल युद्ध की हीरो '17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन' राफेल उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन होगी. अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को तैनात किया जा रहा है. फ्रांस से 36 रफाल खरीदे जा रहे हैं. इन्हें पाक सीमा के पास अंबाला और चीन सीमा के पास हाशीमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा.