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खबर का असर: प्रवासी मजदूरों को लगेगी कोरोना वैक्सीन, आने पर होगी टेस्टिंग

लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम की तलाश में हरियाणा लौटने लगे थे. इन मजदूरों में से ज्यादातर को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी थी और ना ही कोरोना टेस्ट हो रहा था. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. जिस पर अब असर हुआ है और प्रशासन की नींद टूटी है.

haryana migrant labor free corona test
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Published : Jun 13, 2021, 5:52 PM IST

अंबाला:यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम की तलाश में हरियाणा, पंजाब लौटने लगे थे. हालांकि इनमें से ज्यादातर को ना कोरोना वैक्सीन लगी थी और ना ही हरियाणा में आने पर इनका कोरोना टेस्ट हो रहा था. जिस वजह से प्रवासी मजदूरों का कोरोना कैरियर बनने का डर सता रहा था.

ईटीवी भारत ने प्रवासी मजदूर के कोरोना कैरियर बनने का ये मुद्दा प्रमुख्ता से उठाया था. जिस पर अब असर हुआ है और अंबाला प्रशासन की नींद टूटी है. अब अंबाला में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि फैक्ट्री एसोसिएशन को पत्र लिखा है कि जो भी मजदूर बाहर से आ रहे हैं उनका कोरोना टेस्ट करवाया जाए और जिसको वैक्सीन नहीं लगी है उसको वैक्सीन लगवाई जाए.

मजदूरों का मुफ्त कोरोना टेस्ट और वैक्सीन का एलान

उन्होंने कहा कि मजदूरों का कोरोना टेस्ट और वैक्सीन लगाने का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. अगर कोई फैक्ट्री प्रशासन से आग्रह करेगी तो प्रशासन की तरफ से फैक्ट्री में जाकर मजदूरों का वैक्सीनेशन किया जाएगा. जो भी फैक्ट्री इन आदेशों को नहीं मानेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रवासी मजदूरों को लगेगी कोरोना वैक्सीन, आने पर होगी टेस्टिंग

बता दें कि, लॉकडाउन में छूट देने के बाद से लगातार भारी मात्रा में प्रवासी मजदूर हरियाणा, पंजाब और हिमाचल की तरफ रोजगार की तलाश में एक बार फिर से रुख कर रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच जो सबसे बड़ा डर सता रहा था वो ये कि इन प्रवासी मजदूरों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी जिस वजह से इनके कोरोना कैरियर बनने का खतरा सबसे अधिक है.

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इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से सवाल किया गया था तो मंत्री जी ने पहले तो ये कहकर कन्नी काटी कि इस बार ना के बराबर ही पलायन हुआ था. फिर उन्होंने सबका कोरोना टेस्ट कराने का भी दावा किया था. स्वास्थ्य मंत्री के दावे के बाद हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इसकी पड़ताल की थी.

हमारी टीम ने प्रवासी मजदूरों से बात की थी जिनमें से ज्यादातर मजदूरों का यही कहना था कि ना तो उनको कोरोना वैक्सीन लगी है और ना ही किसी ने भी इनसे कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट या कोरोना टेस्ट को लेकर कुछ पूछा है. मजूदरों से बात करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री के दावों को पोल खुल गई थी और साफ पता चल गया था कि सरकार कोरोना को लेकर कितनी जागरूक थी.

बहरहाल ईटीवी भारत के द्वारा इस खबर को दिखाने के बाद अब सरकार और जिला प्रशासन की नींद टूटी है, और मजदूरों के कोरोना टेस्ट और वैक्सीन लगाने को लेकर फैक्ट्री एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है. साथ ही जो भी फैक्ट्री इन आदेशों को नहीं मानेगी उसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने का भी ऐलान किया गया है.

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