अंबाला:यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम की तलाश में हरियाणा, पंजाब लौटने लगे थे. हालांकि इनमें से ज्यादातर को ना कोरोना वैक्सीन लगी थी और ना ही हरियाणा में आने पर इनका कोरोना टेस्ट हो रहा था. जिस वजह से प्रवासी मजदूरों का कोरोना कैरियर बनने का डर सता रहा था.
ईटीवी भारत ने प्रवासी मजदूर के कोरोना कैरियर बनने का ये मुद्दा प्रमुख्ता से उठाया था. जिस पर अब असर हुआ है और अंबाला प्रशासन की नींद टूटी है. अब अंबाला में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि फैक्ट्री एसोसिएशन को पत्र लिखा है कि जो भी मजदूर बाहर से आ रहे हैं उनका कोरोना टेस्ट करवाया जाए और जिसको वैक्सीन नहीं लगी है उसको वैक्सीन लगवाई जाए.
मजदूरों का मुफ्त कोरोना टेस्ट और वैक्सीन का एलान
उन्होंने कहा कि मजदूरों का कोरोना टेस्ट और वैक्सीन लगाने का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. अगर कोई फैक्ट्री प्रशासन से आग्रह करेगी तो प्रशासन की तरफ से फैक्ट्री में जाकर मजदूरों का वैक्सीनेशन किया जाएगा. जो भी फैक्ट्री इन आदेशों को नहीं मानेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, लॉकडाउन में छूट देने के बाद से लगातार भारी मात्रा में प्रवासी मजदूर हरियाणा, पंजाब और हिमाचल की तरफ रोजगार की तलाश में एक बार फिर से रुख कर रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच जो सबसे बड़ा डर सता रहा था वो ये कि इन प्रवासी मजदूरों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी जिस वजह से इनके कोरोना कैरियर बनने का खतरा सबसे अधिक है.