अंबाला: स्वच्छता अभियान का नारा देने वाली बीजेपी सरकार के लिए हरियाणा के अंबाला में मुसीबतें बढ़ने वाली हैं. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन (Door to door garbage) का टेंडर खत्म होने की वजह से लोगों के घरों से कूड़े का उठान नहीं हो रहा. जिसके कारण लोग गंदगी से खासा परेशान होने लगे हैं. प्रदेश भर में डेंगू पहले ही अपने पैर पसार रहा है. अब ऐसे में अगर लोगों के घरों से कूड़े का उठान नहीं होगा तो लोगों में बीमारियों का डर लाजमी है. कूड़ा कलेक्शन का टेंडर खत्म होने की वजह से लगभग 350 परिवारों पर रोजी रोटी का भी संकट मंडराने लगा है.
वहीं अब कूड़ा कलेक्शन के काम में लगे 350 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. जिनकी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. अंबाला में सफाई व्यवस्था एक बार फिर चरमराती हुई नजर आ रही है. अंबाला के लाखों घरों और दुकानों से कूड़ा उठना बंद हो चुका है. सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की शुरुआत की थी. जिसका अंबाला में टेंडर खत्म हो चुका है. अब इसके लिए नगर निगम ने ना ही टेंडर को दोबारा बढ़ाया और ना ही लोगों के लिए कोई दूसरी व्यवस्था की. अब आम जनता के घरों के डस्टबिन में कूड़े का ढेर लग चुका है.
उधर नगर निगम अभी अधकारियों से बैठक करके फैसला लेगी कि टेंडर किसे दिया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले का रोजगार भी छीन चुका है. इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए लोगों ने बताया कि पिछले दो दिनों से कोई भी कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से डस्टबिन में कूड़े का ढेर लगा हुआ है. अभी तक ना ही नगर निगम की तरफ से कोई जगह बताई गई जहां लोग कूड़ा लगा सकें. घर में कूड़े के ढेर की वजह से बिमारियों का भी डर बना हुआ है.