अंबाला: चंडीगढ़ के पास बसे अंबाला शहर में ट्रैफिक राम भरोसे है. यहां ना तो ट्रैफिक सिग्नल काम करते हैं और ना ही सीसीटीवी कैमरे. वहीं साल भर में हादसों से हुई मौतों का आंकड़ा भी चौंका देने वाला है. इसके बावजूद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
अंबाला शहर में हादसे
आपको बता दें कि अंबाला जिले के अंदर बीते वर्ष 2019 से लेकर अब तक कुल 245 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है तो वहीं 323 लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं. इस हैरान कर देने वाले आंकड़े के बावजूद न तो प्रशासनिक अधिकारियों ने और ना ही राजनीतिज्ञों ने इस ओर कोई ध्यान देना लाजमी समझा.
अंबाला में न ट्रैफिक सिग्नल काम करते हैं और न ही सीसीटीवी, एक साल में 245 लोग गंवा चुके हैं जान सीसीटीवी कैमरे और ट्रैफिक लाइट
पूरे अंबाला जिले में कुल 9 ट्रैफिक लाइट लगी हैं, जिनमें से सिर्फ तीन ही वर्किंग कंडीशन में हैं. वहीं सीसीटीवी कैमरों पर नजर डाले तों पूरे जिले में 58 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिनमें से मात्र 9 ही काम कर रहे हैं. बाकी सब बंद हैं.
पब्लिक सुरक्षा पर ध्यान दे प्रशासन
बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था और हादसों से परेशान अंबाला की जनता का कहना है कि इस और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि ट्रैफिक सिग्नल और सीसीटीवी पुलिस और पब्लिक दोनों के लिए मदद करने वाले हैं. प्रशासन को इन पर काम करने की खासा जरूरत है.
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हरियाणा की राजनीति में गब्बर नाम से मशहूर गृह मंत्री अनिल विज के शहर का ये हाल है तो पूरे प्रदेश के बारे में क्या ही कहें? अब देखना होगा कि अंबालावासियों को इस खस्ताहाल ट्रैफिक व्यवस्था से कब तक निजात मिल पाती है. या फिर सुरक्षा के कसीदे पढ़ने वाली सरकार यूं ही प्रशासन की लापरवाहियों को नजरअंदाज करती रहेगी.