अंबाला: ‘गब्बर’ के एक्शन में आने के बाद हरियाणा के अधिकारियों से लेकर अपराधी तक कांपने लगे हैं. नशा तस्करों को हरियाणा छोड़ने की चेतावनी मिल गई है.वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री अनिल विज ने आला अधिकारियों को सही ढंग से काम करने के आदेश दिए हैं, लेकिन लगता है कि अनिल विज गृहमंत्री का पद संभालते-संभालते ये भूल गए हैं कि उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय का अतिरिक्त भार भी है. अगर ऐसा नहीं होता तो गृहमंत्री के गृह जिले का ये हाल ना होता.
अंबाला में 270 में से 139 डॉक्टर्स ही हैं
बता दें कि अनिल विज दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाल रहे हैं. लेकिन विज साहब के खुद के गृह जिले के स्वास्थ्य महकमे का हाल खस्ताहाल है. जिले में चार सीएचसी, 16 पीएचसी, दो एसडीएच और एक नागरिक अस्पताल हैं, लेकिन आलम ये है कि 270 डॉक्टर्स की सैंक्शन पोस्ट होने के बावजूद अंबाला में सिर्फ 139 ही डॉक्टर हैं.
सिर्फ 4 गायनेकोलॉजिस्ट संभाल रही पूरा जिला !
हैरानी की बात तो ये है कि पूरे अंबाला जिले में महिलाओं के लिए सिर्फ 5 गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जिनमें से एक डॉक्टर काफी दिनों से विभाग को बिना बताए छुट्टियों पर है. अंबाला जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं. अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र में एक नागरिक अस्पताल है. जहां पर 3 महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं. नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के सब डिविजनल अस्पताल में एक कांट्रेक्चुअल महिला गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर है. जो हफ्ते में एक दिन मरीजों को देखती है.