भिवानी: पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में सफेद मक्खियों के हमले से कपास की फसल को गंभीर खतरा पैदा हो गया है, जिससे किसानों में घबराहट की स्थिति है. जिसको देखते हुए यूपीएल टीम ने क्षेत्र में अधिकारियों को तैनात कर दिया है, ताकि वो हॉटस्पॉट क्षेत्रों का दौरा करके किसानों को मक्खियों से बचाव का सही तरीका बता सकें. यूपीएल ने सफेद मक्खियों से निपटने के लिए पंजाब में कपास की फसल पर फुहार करने के लिए 250 फाल्कन छिड़काव मशीनों को भी तैनात किया है.
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और लुधियाना के डिपार्टमेंट ऑफ एंटोमोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. एके धवन ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की उत्तर सिंचित कपास बेल्ट में कपास की फसल पर व्हाइट फ्लाई पड़ने की घटना अब एक नियमित घटना है. किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस कीट का प्रबंधन किया जा सकता है. अनुकूल मौसम, देरी से बारिश, ट्रांसजेनिक संकरों की संवेदनशीलता, नाइट्रोजन का अत्यधिक उपयोग, उचित सर्वेक्षण और निगरानी की कमी, छिड़काव में देरी, इस कीट के गुणन में वृद्धि के कारक हैं. नाइट्रोजन और सिंचाई के अत्यधिक उपयोग से अवांछित वनस्पति में विकास हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप कीटनाशकों का असर कम हो सकता है.