अंबाला: कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें अब बढ़ना लगभग तय है. गृहमंत्री अनिल विज ने रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को मामले में एसआईटी बनाकर जांच करने के आदेश दे दिए हैं.
दरअसल, कुछ महीने पहले सुरजेवाला और उनके साथियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने गृह मंत्री अनिल विज को सुरजेवाला के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत सौंपी थी. साथ ही पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस सुरजेवाला के राजनीतिक कद को देखते हुए कहीं न कहीं जांच करने में ढील बरत रही है.
इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने आरोप लगया था कि पुलिस उसपर मामला वापस लेने का दबाव बना रही है. शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसे पुलिकर्मियों ने मामला वापस लिए जाने के दस्तावेजों पर साइन करने के लिए कहा था, इस पर उसने इंकार कर दिया तो पुलिस उस पर दबाव बनाने लगी.
क्या था पूरा मामला?
शिकायतकर्ता अजय संधू का आरोप है कि साल 2009-10 में रणदीप सिंह सुरेजवाला बिजली मंत्री थे, उसका कार्यालय उस समय पंचकूला में था. वह संधू सिक्योरिटी एजेंसी के नाम से अनुबंध पर कर्मी उपलब्ध करवाते थे. अजय ने बताया कि इसी बीच उनकी मुलाकात ईश्वर नैन से हुई. नैन ने उससे कहा कि सुरजेवाला उसके घनिष्ठ मित्र हैं और वह उसे बिजली निगम में टेंडर दिला सकते हैं.
इस तरह नैन ने सुरजेवाला से उसकी मुलाकात करवाई. बदले में नैन को उसे अपने टेंडर में पार्टनर बनाना पड़ा. नैन को पार्टनर बनाते ही रणदीप सिंह ने उसे बिजली निगम के टेंडर दिला दिए जबकि उसके पास न तो कोई अनुभव था न ही वह शर्तें पूरी करता था. टेंडर मिलने के बाद प्रदेश भर में करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके के तहत उस समय की गई. भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक रिश्वत ली गई., लेकिन जब इन्हें न तो ईपीएफ दिया न ईएसआई तो विरोध शुरू हो गया.