अंबाला: देश में आने वाले कुछ ही समय में लड़ाकू विमान राफेल दस्तक देगा. पूरा देश राफेल को लेकर काफी उत्साहित है. फ्रांस से खरीदे जाने वाले लड़ाकू विमान राफेल की तैनाती अंबाला वायुसेना स्टेशन पर की जाएग. राफेल को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.
करगिल युद्ध की हीरो '17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन'
राफेल को उड़ाने के लिए करगिल युद्ध की हीरो '17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन' की एक बार फिर बहाली की गई है. इसके लिए मंगलवार को यहां पर रेसुरेक्शन कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ भी आएंगे. बता दें कि 3 साल पहले स्क्वाड्रन को वायुसेना ने भंग कर दिया गया था.
इसी महीने से मिलेंगे राफेल
करगिल युद्ध की हीरो '17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन' राफेल उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन होगी. एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अनुपम बैनर्जी ने बताया कि अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को तैनात किया जा रहा है. फ्रांस से 36 रफाल खरीदे जा रहे हैं. इन्हें पाक सीमा के पास अंबाला और चीन सीमा के पास हाशीमारा एयरबेस पर तैनात किया जाना है. आपको ये भी बता दें कि फ्रांस से आने वाले राफेल इसी महीने से मिलने लगेंगे.
पढ़िए स्क्वाड्रन का बहादुरी से भरा इतिहास
17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का इतिहास वीर गाथाओं से भरा है. 1999 के युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर के समय स्क्वाड्रन बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थी, तब एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ विंग कमांडर थे और इसी स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे. 27 मई 1999 को स्क्वाड्रन के लीडर अजय आहूजा मिशन पर थे, जब एक स्टिंगर मिसाइल ने उनके विमान को निशाना बनाया. स्क्वाड्रन लीडर आहूजा विमान से इजेक्ट कर गए थे, मगर वे शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया था.