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रोहतक में पीएम मोदी बढ़ाएंगे सियासी गर्मी! जानिए क्या है बीजेपी का रोहतक प्लान ?

अमित शाह और जेपी नड्डा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक आ रहे हैं. ये कोई इत्तेफाक नहीं है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व रोहतक के चक्कर लगा रहा है. इसके पीछे एक सोची समझी रणनीति है.

rohtak rally

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Published : Sep 7, 2019, 7:22 PM IST

Updated : Sep 8, 2019, 11:36 AM IST

रोहतकः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक आ रहे हैं. जहां वो बीजेपी के पन्ना प्रमुखों को संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा भी इसी रैली में आकर खत्म होगी. लेकिन सियासी गलियारों में एक सवाल घूम रहा है कि आखिर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व रोहतक पर इतना ध्यान क्यों दे रहा है.

कल रोहतक में पीएम मोदी बढ़ाएंगे सियासी गर्मी! जानिए क्या है बीजेपी का रोहतक प्लान ?

रोहतक रैली में पीएम क्या करेंगे ?
इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पन्ना प्रमुखों को संबोधित करेंगे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा का भी यहीं पर समापन होगा. ये रैली पूरे तरीके से इको फ्रेंडली है जिसमें प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल नहीं होगा.

क्या है बीजेपी की रणनीति ?
दरअसल इस वक्त अगर बीजेपी के सामने कोई खड़ा दिखाई दे रहा है तो वो हैं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा. क्योंकि जेजेपी और एलएसपी अभी भी अपना भविष्य तलाश रही हैं. इनेलो के ज्यादातर विधायक पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. जो बचे वो जेजेपी में चले गए. ऐसे माहौल में जब विपक्ष से नेताओं का लगातार जाना बीजेपी में लगा रहा तब भी कांग्रेस का कोई विधायक बीजेपी में नहीं गया और इसकी बड़ी वजह मानी गई कि कांग्रेस के ज्यादातर विधायक हुड्डा के करीबी हैं. और उनकी निष्ठा अभी भी हुड्डा के साथ है. इसीलिए बीजेपी को अपने लिए अगर कोई खतरा दिख रहा है तो वो हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा. यही वजह है कि बीजेपी भूपेंद्र सिंह हुड्डा का किला पूरे तरीके से ढहा देना चाहती है.

पीएम की रैली पर दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा ?
कांग्रेस के पूर्व सांसद और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा कि, "रोहतक में पिछले 3 महीनों में पहले मोदी जी, फिर मोदी जी दूसरी बार, फिर शाह साहब, फिर नड्डा जी, अब फिर मोदी जी खुद तीसरी बार। कुछ तो बात होगी चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी में? रोहतक में अपनी लोकसभा की जीत पर भाजपा को इतना विश्वास?"

रोहतक पर नजर क्यों ?
दरअसल 2014 के विधानसभा चुनाव में रोहतक, सोनीपत और झज्जर में बीजेपी को उतनी कामयाबी नहीं मिली थी जितनी बाकी प्रदेश में मिली थी. इसीलिए बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में इस इलाके पूरी ताकत लगा दी थी और छोटे-बड़े दोनों हुड्डा को हरा दिया था. फिर भी एक कसक अभी बाकी है क्योंकि बीजेपी को पूरे प्रदेश में अगर कहीं टक्कर मिली थी तो वो यही दो सीटें थीं. बाकी जगहों पर बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी.
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले वोटों को भी अगर देखें तो बीजेपी को बड़ी बढ़त मिली है. 2014 में दीपेंद्र हुड्डा ने यहां जीत दर्ज की थी लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में वो हार गए. जरा विधिनसभावार भी देख लीजिए कि 2014 और 2019 में कैसे वोट में अंतर आया.

लोकसभा चुनाव 2014 के रिजल्ट के आधार पर

विधानसभा बीजेपी को मिले वोट कांग्रेस को मिले वोट
महम 11,384 61,982
गढ़ी सांपला किलोई 18,671 82,564
रोहतक 41,932 49,379
कलानौर 25,823 59,151
बहादुरगढ़ 46,311 42,783
बादली 38,629 49,637
झज्जर 29,526 51,740
बेरी 26,950 55,444
कोसली 79,758 37,220
कुल 3,19,436 (30.55%) 4,90,063(46.86%)

जहां 2014 में 9 में से सिर्फ 2 विधानसभा सीटों पर ही बीजेपी को बढ़त मिली थी. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को 4 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली और कोसली विधानसभा में बड़ी बढ़त मिली जिसने अरविंद शर्मा की जीत में बड़ा योगदान दिया.

ये भी पढ़ें- इको फ्रेंडली होगी पीएम मोदी की रोहतक रैली, पानी के लिए किया जाएगा मटकों का इस्तेमाल

अब 2019 में विधानसभावार मिले वोटों को भी देख लीजिए

विधानसभा बीजेपी को मिले वोट कांग्रेस को मिले वोट
गढ़ी सांपला किलोई 46,881 92,606
महम 54,721 68,826
बेरी 42,998 68,991
बादली 50,374 61,928
झज्जर 52,746 57,395
कोसली 1,17,825 42,845
रोहतक 68,477 48,736
बहादुरगढ़ 65,519 59,889
कलानौर 66,701 62,390
कुल 5,66,242 5,63,606

इन आंकड़ों का मतलब ये है कि रोहतक की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर अभी भी हुड्डा का दबदबा है इसी दबदबे को कम करने के लिए बीजेपी जोर लगा रही है.

Last Updated : Sep 8, 2019, 11:36 AM IST

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